अम्बिकापुर: किसानों की आवाज की खनक बताते है हमारे काम की दिशा - मुख्यमंत्री श्री बघेल
अम्बिकापुर: किसानों की आवाज की खनक बताते है हमारे काम की दिशा - मुख्यमंत्री श्री बघेल

लोकवाणी की 18 वी कड़ी में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के विस्तार पर चर्चा

अम्बिकापुर 13 जून 2021

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी के 18 वीं कड़ी का प्रसारण 13 जून को आकाशवाणी, एफएम रेडियो एवं विभिन्न क्षेत्रीय न्यूज चौनलों के द्वारा किया गया । इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने राजीव  गांधी  किसान न्याय योजना के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना  किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की योजना है। खुशहाल  किसानो की आवाज की खनक से पता चलता है कि हम सही दिशा में काम कर रहे है । लोकवाणी के 18 वीं कड़ी को अम्बिकापुर जनपद के ग्राम जगदीशपुर के किसानों ने सुनी । इसके साथ ही जिला मुख्यालय, जनपद मुख्यालय एवं ग्राम पंचायतो में भी सुना गया।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना का विस्तार किया गया है।  इसके तहत राजीव गांधी किसान न्याय योजना में आदान सहायता की राशि के लिए मुख्यतः तीन प्रावधान हैं। पहला प्रावधान यह है कि पिछले साल की तरह धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर, गन्ना फसल लेने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि हर साल दी जाएगी। दूसरा प्रावधान उन किसानों के लिए जो धान के बदले अन्य निर्धारित फसलें लेना चाहते हैं उन्हें 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान सहायता राशि दी जाएगी। इसी तरह तीसरा प्रावधान उन किसानों के लिए जो धान के बदले वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें भी 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जाएगी। यह तीन वर्ष के लिए होगी।

इस योजना में समस्त श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी कृषक लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। कृषकों को आदान सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। कृषक पंजीयन का कार्य एक जून से शुरू हो गया है जो 30 सितंबर तक किया जाएगा। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया थाए यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धानए केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता हैए तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रुपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षों तक आदान सहायता राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  कोरोना के कारण देश और प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर निश्चित तौर पर बुरा असर पड़ा है। लेकिन इसका नुकसान किसानों को नहीं होने देने के लिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 के लिए बाकायदा बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान किया है और विगत वर्ष की तरह ही 21 मई को ठीक पिछली बार की तरह पहली किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों के खाते में कर दिया गया। उन्होंने  कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की आय सहित कृषि वानिकी के विकास को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। हमारे प्रदेश में ऐसी प्रजातियों के वृक्षारोपण के लिए आदर्श परिस्थितियां, पर्याप्त भूमि, अनुकूल जलवायु और श्रमशक्ति उपलब्ध है। जिसमें वृक्षों को लगाने से काटने के बीच एक सुरक्षित चक्र बनाया जा सकता हैए जिससे हर समय पर्याप्त संख्या में वृक्ष मौजूद भी रहें और सही समय पर कटाई होने से ग्रामीणांे, किसानों की आय भी बढ़े। ऐसा करने पर चोरी-छुपे वृक्षों की अवैध कटाई की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां योजना का लाभ लेने हेतु पात्र है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेश में कोरोना के नियंत्रण तथा रोकथाम के उपायों और सावधानियों के बारे में बताते हुए कहा  कि स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, निजी अस्पताल संचालकों, अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और जागरूक जनता की मदद से एक पारदर्शी व्यवस्था बनाई। अस्पतालों में दवा, इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेण्डर आदि की उपलब्धता के लिए काफी सोच-समझकर इंतजाम किए गए। साधारण लक्षण वाले मरीजों को घर पहुंचाकर दवा दी गई। राज्य में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण के कार्य को भी प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है।

लोकवाणी के इस कड़ी के बारे में किसान श्री रामधन राजवाड़े, श्री पवन दास, श्री शोभनाथ, श्री उमेश राजवाड़े ने कहा की किसान न्याय योजना एवं गोधन न्याय योजना किसानों के आय बढ़ाने वाली योजना है। इससे किसानों को समय पर आर्थिक मदद मिल रही है।