राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने किया विभिन्न संस्थानों का निरीक्षण
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने किया विभिन्न संस्थानों का निरीक्षण

उत्तर बस्तर कांकेर ।  राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य श्री यशवंत जैन द्वारा कांकेर में सिविल अस्पताल, पोषण पुर्नवास केन्द्र व आंगनबाडी केन्दों का निरीक्षण किया गया जिसमें कुपोषण एवं नवजात शिशुओं तथा नवीन बालकों के स्वास्थ्य के संबंध में जायजा लिया। उन्होंने कांकेर में स्थित जिला अस्पताल पुर्नवास केन्द्र में ओ.पी.डी., एनआरसी, एस.एन.एस.यू एवं शिशु वार्ड का अवलोकन किया गया, पुर्नवास केन्द्र में 17 बच्चें भर्ती बताया गया कुपोषण संबंधी बच्चों के भर्ती संबंधी मानक मापदण्ड, बच्चों को दिये जाने वाला पोषण शिशु आहार, बच्चों के वजन तथा उचांई और पुर्नवास केन्द्र में माताओं को दी जाने वाली आहार के संबंध में जानकारी ली। जिले में कुपोषित होने संबंधी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री जे.एल.उइके द्वारा दी गई, जिसमें उन्होने बताया कि प्रसव के पूर्व तथा प्रसव के बाद यहां कि माताओं के द्वारा परंपरागत भोजन आहार लिये जाने की जानकारी दी गई। कार्बोहाइड्रेट युक्त भोज्य पदार्थो को लिये जाने के कारण माताओं में कार्बोहाइड्रेट की अधिकता हो जाती है।   

राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य श्री जैन द्वारा कोविड सेन्टरों में बच्चों की बैड की व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली गई, मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया कि कोविड-19 से प्रभावित बच्चों के लिए 10 बैड कोविड सेन्टर यूनिट अलग से बनाया गया है। एस.एन.सीयू का अवलोकन किया गया जिसमें निरीक्षण के दौरान बेबी वारमर, फोटो थैरेपी एवं वर्तमान में भर्ती मरीजों तथा क्योररेट, डेटरेट की जानकारी भी ली गई। पी.आई.सी.यू. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन से चर्चा की गई, जिसमें इनके द्वारा अवगत कराया गया की कांकेर में अलग से मातृ एवं शिशुओं के लिए अस्पताल बनाया जा रहा है, जिसमें पीआईसीयू, एसएनसीओं चिन्हाकित है। केन्द्र सरकार द्वारा घोषित पीआईसीयू जिले में मार्च तक पूर्ण कराने की जानकारी दी गई।  उनके द्वारा महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित आंगनबाडी केन्द्र पण्डरीपानी, संरगपाल, डुमाली का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान श्री जैन द्वारा आंगनबाडी में केन्द्रो के पोषण वाटिका का अवलोकन किया गया।

महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सीएस मिश्रा द्वारा बताया गया कि पोषण वाटिका में लगी सब्जियों का उपयोग आगंनबाडी केन्द्रो में किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान श्री जैन द्वारा पण्डरीपानी आंगनबाड़ी केन्द्र में उपस्थित गर्भवती माताओं से चर्चा करते हुए गर्भावस्था में लिये जाने वाले भोजन संबंधी जानकारी दिया। उनके द्वारा आगंनबाडी केन्द्र की कार्यकर्ता से  बच्चों के वजन तथा कुपोषित और सुपेषित बच्चों की जानकारी ली गई। माध्यमिक शाला डूमाली का भी निरीक्षण किया गया जिसमें कक्षा 6वी एवं  8वी के बच्चों को गुडटच एवं बैडटच और चाईल्ड हैल्प लाईन नंबर 1098 एवं बाल विवाह की वास्तविक उम्र के बारे में श्री जैन द्वारा विस्तृत जानकारी देते हुए स्कूलों में 1098 चाईल्ड हैल्प लाईन नंबर चस्पा कराने के लिए निर्देशित किया गया। उन्होंने कोविड-19 महामारी से प्रभावित होने वाले बच्चों जिनके माता-पिता की मृत्यु हुई है इस संबंध में जिला बाल संरक्षण इकाई एवं जिला शिक्षा विभाग से जानकारी ली गई, जिसमें बताया गया कि 04 बच्चें ऐसे है जो कोविड-19 से प्रभावित है जिसकी एन्ट्री राष्ट्रीय पोर्टल बाल स्वराज एवं पीएमकेयर मे कि गई ताकि इन बच्चों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।

शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि कोविड-19 से प्रभावित बच्चों का चिन्हाकन कर बालक कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने और देखरेख संरक्षण में लाने तथा दूरस्थ विकासखण्ड के चिन्हाकित बालाके के लिए समिति कि बैठक प्रधान पाठक एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता के माध्यम से सपन्न कराने के निर्देश दिये। भ्रमण के दौरान सयुक्त कलेक्टर यू.एस. बंदे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल.उइके, सिविल सर्जन डॉ. आरसी ठाकुर, प्रभारी शिक्षा अधिकारी श्री लक्ष्मण कावड़े, जिला कार्यक्रम अधिकारी किशन टंडन क्रांति, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया, संरक्षण अधिकारी त्रिसंध्या साहू, अंजिता पोया, पर्यवेक्षक रिगबत्ती वट्टी, सुशिला मंडावी, ललती जैन, उपस्थित थे।