ऋचा जोगी को झटका, उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने आदिवासी होने का दावा किया खारिज
ऋचा जोगी को झटका, उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने आदिवासी

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और स्व. अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी के आदिवासी जाति मामले में जोगी परिवार को बड़ा झटका लगा है. उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने JCC (J) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के आदिवासी होने के दावे को खारिज कर दिया है. इससे जोगी परिवार को बड़ा झटका लगा है. जानकारी के मुताबिक ये केस अभी हाईकोर्ट में पेंडिग है.

दरअसल, अजीत जोगी मरवाही से विधायक थे, लेकिन उनका निधन हो गया. इस बीच जोगी परिवार से रिचा जोगी को विधानसभा से JCC (J) से टिकट मिला. मरवाही विधानसभा में उपचुनाव के लिए अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट थी. इस वजह से मरवाही विधानसभा के उपचुनाव के लिए अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन रद्द कर दिया गया था. उनको आदिवासी जाति छानबीन समिति ने गैरआदिवासी करार दे दिया था.

मरवाही उपचुनाव में नामांकन खारिज किए जाने को लेकर लड़ाई को लेकर रिचा जोगी हाई कोर्ट पहुंची थी. ऋचा जोगी ने याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग नियम 2013 में सितंबर-अक्टूबर 2020 में हुए अनु संशोधन और जिला समिति के नोटिस को चुनौती दी थी.

ऋचा के अधिवक्ता गैरी मुखोपाध्याय ने न्यायालय से दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता के सुनवाई में पैरवी करने की जानकारी दी. साथ ही एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. ऋचा जोगी की याचिका में बताया गया था कि साल 1950 के पहले से उनके पूर्वज मुंगेली के पास ग्राम पेंड्री में निवास करते आए. दस्तावेजों में उनकी गोंड जाति दर्ज है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में हुई थी. इस पर हाईकोर्ट में अभी भी केस पेंडिंग है.

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