दिव्यांगजन हेतु पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर
दिव्यांगजन हेतु पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर

कवर्धा । दिव्यांगजन हेतु पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर, स्कूटी प्रदाय योजना अंतर्गत चलन दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों के जीवन स्तर में वृद्धि तथा आर्थिक समृद्धि में प्रगति लाना है। इस योजना के माध्यम से समावेशी समाज की परिकल्पना का सृजन होगा। यह योजना राज्य के दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण, समावेशीकरण के साथ सामाजिक न्याय हेतु मील का पत्थर सिद्ध होगी। समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री हरीश सक्सेना ने बताया कि प्रदेश के ऐसे दिव्यांगजन जो चलन दिव्यांगता-जैसे रीढ़ की हड्डी में चोट, पोलियो से ग्रसित (विशेष रूप से निचले अंग से प्रभावित व्यक्ति) है तथा उक्त के अतिरिक्त विधिक अभिभावक के संबंध में राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 में परिभाषित दिव्यांग है, को प्राथमिकता एवं पात्रता की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे दिव्यांगजन जिनके पास पूर्व में परंपरागत ट्राई सायकल अथवा बैटरी चलित मोटराईज्ड ट्राई सायकल उपलब्ध हों एवं यदि वह इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक होते हैं तो संबंधित विभागीय जिला कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर उक्त पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर, स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ) प्राप्त कर सकते हैं, परन्तु एक साथ दोनों योजनाओं का लाभ नहीं ले सकते। कम से कम 3 वर्ष का समयान्तराल आवश्यक होगा।  इस योजना का लाभ लेने हेतु प्रमाणित दिव्यांगता प्रमाण पत्र, यू.डी.आई.डी. प्रमाण-पत्र अनिवार्य होगा तथा आवेदक पेट्रोल चलित टू व्हीलर स्कूटर, स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ) के संचालन में सक्षम हो, के अतिरिक्त निम्नांकित पात्रताओं को पूर्ण किया जाना होगा ।

उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो। (सक्षम अधिकारी द्वारा जारी मूल निवास प्रमाण-पत्र की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न करनी होगी), अभ्यर्थी की आयु 18 से कम व 40 वर्ष से अधिक न हो। (इस हेतु अभ्यर्थी आवेदन के साथ 10वीं की अंक तालिका की प्रति प्रस्तुत करें) अथवा आयु के संबंध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अथवा शासकीय कार्यालयों में मान्य प्रमाण-पत्र। अभ्यर्थी द्वारा वाहन चलाने हेतु परिवहन विभाग के अद्यतन दिशा-निर्देश अनुसार ड्राइविंग लायसेंस की स्वप्रमाणित प्रति प्रस्तुत करनी होगी। सभी स्त्रोतों से स्वयं की अथवा आश्रित के मामले में माता-पिता, अभिभावकों की मासिक आय राशि रूपये 20 हजार तक हो। इसके लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र को प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत करना होगा, जो आवेदन की तिथि से 06 माह से अधिक पुराना न हो। 60 प्रतिशत या उससे अधिक का प्रमाणित दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, यू.डी.आई.डी. प्रमाण-पत्र। नियमित छात्र-छात्राओं को संबंधित विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय प्रमुख से प्रमाणित प्रति अनिवार्य होगी।

समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री सक्सेना ने बताया कि अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो। (सक्षम अधिकारी द्वारा जारी मूल निवास प्रमाण-पत्र की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न करनी होगी)। अभ्यर्थी की आयु 18 से कम व 40 वर्ष से अधिक न हो। (इस हेतु अभ्यर्थी आवेदन के साथ 10वीं की अंक तालिका की प्रति प्रस्तुत करें) अथवा आयु के संबंध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी मान्य प्रमाण-पत्र। अभ्यर्थी द्वारा वाहन चलाने हेतु परिवहन विभाग के अद्यतन दिशा-निर्देश अनुसार ड्राइविंग लायसेंस की स्वप्रमाणित प्रति प्रस्तुत करनी होगी। सभी स्त्रोतों से स्वयं की अथवा आश्रित के मामले में माता-पिता, अभिभावकों की मासिक आय राशि रूपये 20 हजार तक हो। इस हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र को प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत करना होगा, जो आवेदन की तिथि से 06 माह से अधिक पुराना न हो। 70 प्रतिशत या उससे अधिक का प्रमाणित दिव्यांगजन प्रमाण पत्र, यू.डी.आई.डी. प्रमाण-पत्र। रोजगार में कार्यरत दिव्यांगजन को संबंधित कार्यालय प्रमुख से प्रमाणित पे-स्लीप, कार्यस्थल आदि के संबंध में आवेदक का शपथ पत्र। स्वरोजगार ऋण देयक के भुगतान की प्रति तथा संबंधित बैंक, विभाग, संस्था प्रमुख से प्रमाणित प्रति।