कोण्डागांव : बदलता बस्तर: नई तस्वीर :   ऐतिहासिक पूणेना तालाब का मनरेगा द्वारा किया गया जीर्णोंद्धार
कोण्डागांव : बदलता बस्तर: नई तस्वीर : ऐतिहासिक पूणेना तालाब का मनरेगा द्वारा किया गया जीर्णोंद्धार
  • आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सिंचाई सुविधा के विस्तार हेतु किया गया गहरीकरण

कोण्डागांव । आजादी का अमृत महोत्सव के तहत् आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिले सहित पूरे देश में महात्मा गांधी नरेगा (मनरेगा) के माध्यम से कृषि और इससे संबंद्ध गतिविधियों के कार्यांे को बढावा देने हेतु विभिन्न परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जनपद पंचायत फरसगांव के ग्राम पंचायत बडेडोंगर में भी कृषि एंव इससे संबधित कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक महत्व के पूणेना तालाब के भी जीर्णोंद्धार का कार्य किया गया।

एक समय में बस्तर की राजधानी के रूप में गौरव प्राप्त बड़ेडोंगर में काकतीय वंश के बस्तर राजाओं द्वारा शासन किया जाता था। बस्तर के राजाओं द्वारा बड़ेडोंगर में सिंचाई हेतु कई तालाबों का निर्माण कराया गया था। जिसके कारण बड़ेडोंगर को तालाबों का गांव भी कहा जाता था। बड़ेडोंगर में आज भी 47 तालाब मौजूद हैं। यहां बने तालाबों के द्वारा सिंचाई सुविधाओं के विकास के कारण बड़ेडोंगर में कृषि कार्यों का भी विस्तार हुआ था। आज यह क्षेत्र उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले मक्के के उत्पादन हेतु महत्वपूर्ण है। यहां के लोग वर्षा के जल की बूंदों को सग्रहण पर विशेष महत्व देते है। गांव के लोग बताते है कि स्थानीय भाषा में कमल फूल को पूणेन बोला जाता है और इस तालाब में कमल फूल अधिक मात्रा में होने के कारण ग्रामीणों द्वारा इसे पूणेना तालाब नाम दिया गया था। इस तालाब का निर्माण बस्तर राजा प्रवीणचंद भंजदेव के समय ग्रामीणों के द्वारा श्रमदान के माध्यम से किया गया था।

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ऐतिहासिक महत्व के साथ लोगों के जीविकोपार्जन के लिये ग्राम पंचायत द्वारा तालाब का गहरीकरण कर इसमें पचरी निर्माण के लिये योजना तैयार की गई। जिसके पश्चात् प्रस्ताव तैयार कर जिला पंचायत के माध्यम से तालाब गहरीकरण सह पचरी निर्माण कार्य हेतु 9.47 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई। इसके पश्चात् पूणेना तालाब के गहरीकरण एवं पचरी निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया। निर्माण के दौरान 99 लोगों को मनरेगा के माध्यम से 4210 दिनों का रोजगार दिवस का सृजन किया गया। वर्ष 2020-21 के अंतर्गत पूणेना तालाब का कार्य पूर्ण कर लिया गया था। इसके माध्यम से वर्तमान में 22 परिवार के  लोगों को मत्स्याखेट द्वारा जीविकोपार्जन हेतु आय प्राप्त होती है साथ ही आस-पास के 40 कृषक परिवारों को अपनी 15 एकड़ भूमि के लिये सिंचाई हेतु जल प्राप्त होता है। जिसके द्वारा अब किसान वर्ष में दो फसलों का भी उत्पादन आसानी से कर सकेंगे। इस प्रकार आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ऐतिहासिक महत्व के पूणेना तालाब के जीर्णोंद्धार से लोगों को न सिर्फ मनरेगा द्वारा रोजगार प्राप्त हुआ है अपितु रोजगार के नये साधनों के साथ लोगों को स्वच्छ जल भी प्राप्त हो रहा है। इस तालाब में निस्तारी के साथ मछलीपालन कार्यों में भी प्रयोग किया जा रहा है।

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