राजीव गांधी किसान न्याय योजना rajiv-gandhi-kisan-nyay-yojana
राजीव गांधी किसान न्याय योजना rajiv-gandhi-kisan-nyay-yojana
  • कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक में दिए विस्तृत दिशा-निर्देश
  • किसानों को प्रति एकड़ 9 एवं 10 हजार मिलेगा आदान सहायता

गरियाबंद 01 जून 2021

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का निर्धारित पोर्टल पर पंजीयन किया जाएगा। पंजीयन की प्रक्रिया 1 जून से शुरू हो गई है, पंजीयन की प्रक्रिया अंतिम तिथि 30 सितम्बर तक चलेगी। योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को 9 हजार एवं 10 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से आदान सहायता ( इनपुट सब्सिडी) दी जायेगी। कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने आज जिला प्रमुख अधिकारियों की समय-सीमा समीक्षा बैठक में योजना के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी और शासन की मंशा के अनुरूप क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने बताया कि फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना, फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन में वृद्धि, फसल के कास्त लागत की प्रतिपूर्ति कर कृषकों के शुद्ध आय में वृद्धि करना, कृषकों को कृषि में अधिक निवेश हेतु प्रोत्साहन तथा कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुर्नस्थापित करते हुए जी.डी.पी में कृषि क्षेत्र की सहभागित में वृद्धि योजना का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने आगें बताया कि इस योजना के लिए सभी श्रेणी के भूमि स्वामी, वन पट्टाधिकारी किसान जो धान के साथ खरीफ की फसल मक्का, कोदो कुटकी, सोयाबीन, अरहर, तथा गन्ना उत्पादन करेंगे उन्हें 9 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि मिलेगा और यदि उन्होंने गत वर्ष 2020-21 किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था। यदि वह धान के बदलें में सुगन्धित धान, मक्का, कोदो कुटकी, अरहर, सोयाबीन (दलहन/तिलहन) तथा केला, पपीता का रोपण करता है, उसे प्रति एकड़ 10 हजार की आदान सहायता मिलेगा।

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वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षों तक आदान सहायता राशि दी जायेगी। इस वर्ष संस्था गत भू धारक जैसे ट्रस्ट की जमीन को खेती करनें वाले ,रेगहा/लिज पर खेती करनें वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं होंगे। भुइयां पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आकड़े तथा किसान के द्वारा आवदेन में अंकित फसल एवं रकबे में जो भी रकबा कम हो, उक्त फसल व रकबे को आदान सहायता राशि की गणना हेतु मान्य की जायेगी।

आवदेन की प्रकिया’

कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने आगें बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। किसान समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज ऋण पुस्तिका, बी1, आधार नम्बर, बैक पासबुक, की छायाप्रति सहित भरे हुए आवेदन को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सत्यापन कराना होगा। सत्यापन के बाद किसान अपना आवेदन सम्बंधित सोसायटी में समय सीमा के भीतर जमा करना होगा। साथ ही पावती प्राप्त करेगा।

सँयुक्त खातेदारों में किसान का पंजीयन नंबरदार के नाम से किया जाएगा एवं अन्य खातेदार को एक शपथ पत्र भी देना होगा। आधार नंबर सभी प्रक्रियाओं में अनिवार्य किया गया है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति का भी गठन किया गया है। जिसका सचिव उपसंचालक कृषि एवं सदस्यों के रूप में प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख शाखा, उप पंजीयक सहकारिता, जिला खाद्य अधिकारी/खाद्य नियंत्रक, लीड बैंक अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी / नोडल बैंक अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक और जिला सूचना अधिकारी शामिल है।

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’मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की तैयारी

     कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने वृक्षारोपण को बढ़ाना देने के उद्देश्य से राज्य शासन की नवीनतम योजना मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि शासन ने यह योजना 1 जून 2021 से लागू हो गई है। इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता के अनुसार सभी ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति को पात्रता होगा। इस योजना के तहत केवल गैर वनीय क्षेत्रों में ईमारती,गैर ईमारती, फलदार, बांस, अन्य लघु वनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जाएगा।

कलेक्टर ने बताया कि वन भूमि पर वन अधिकार पट्टा एवं राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण करनें पर 6 माह के भीतर नजदीकी वन परिक्षेत्र कार्यालय में अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। इस योजना के अंतर्गत पेड़ो को काटने के लिए राजस्व विभाग के नियमों में संसोधन किया जा रहा है। अब कटाई की अनुमति ना लेकर केवल राजस्व एवं वन विभाग को केवल सूचना देना अनिवार्य होगा। ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध राशि से यदि वृक्षारोपण किया जाएगा एवं  1 साल बाद यदि वह वृक्षारोपण सफल रहा तो 10 हजार प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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इसी तरह संयुक्त वन प्रबंधन समिति को भी 10 हजार प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिन किसानों ने खरीफ फसल 2020 में धान के फसल लिया हो और अब वह धान के बदले अपनें खेतों में वृक्षारोपण करता है तो उन्हें आगामी 3 सालों तक प्रतिवर्ष 10 हजार प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

मनरेगा एवं शासन के अन्य योजना के तहत किया गया वृक्षारोपण इस योजना का लाभ नही ले सकता है। इस योजना में सफल वृक्षारोपण अर्थात 80 प्रतिशत रोपित पौधे एक वर्ष के बाद भी जीवित पौधों से है। तब ही वृक्षारोपण को सफल माना जायेगा। बैठक में अपर कलेक्टर श्री जे.आर. चौरसिया, एसडीएम श्रीमती अंकिता सोम शर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती ऋषा ठाकुर सहित सभी विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे। जिला के अन्य अनुविभागीय दण्डाधिकारी, जनपद सीईओ, विकासखण्ड स्तर के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक में उपस्थित हुए।

क्रमांक – 58/सोरी

Source: http://dprcg.gov.in/