हरा सोना संग्रहण ने दिलाई कोरोना संकट में आर्थिक चिंता से राहत 
हरा सोना संग्रहण ने दिलाई कोरोना संकट में आर्थिक चिंता से राहत 

जगदलपुर । पिछले डेढ़ साल से कोरोना ने जहां पूरे जन जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है वहीं इससे लोगों की रोजी रोटी पर भी बहुत बुरा असर हुआ है। कोरोना के इस भीषण दौर में भी हरा सोना कहे जाने वालेे तेंदूपत्ता ने बस्तर के जनजाति समुदाय को बहुत हद तक आर्थिक चिंता से राहत दिलाई है। बस्तर संभाग में वर्ष 2021 के दौरान तेन्दूपत्ता संग्रहण सीजन में 172 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के 04 लाख 16 हजार 185 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है। इस दौरान तेन्दूपत्ता संग्रहण करने वाले समस्त संग्राहकों को 172 करोड़ रूपए की राशि का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। 

राज्य लघु वनोपज संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष राज्य में सर्वाधिक तेन्दूपत्ता संग्रहण करने वाले 5 वन मंडलों में से बस्तर संभाग के चार वन मंडल शामिल हैं। जिसमें पूर्व भानुप्रतापपुर, सुकमा, बीजापुर तथा पश्चिम भानुप्रतापपुर हैं। इनमें पूर्व भानुप्रतापपुर वन मंडल के अंतर्गत 36 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि के 91 हजार 320 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है। सुकमा वन मंडल के अंतर्गत 30 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि के 75 हजार 914 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है। बीजापुर वन मंडल के अंतर्गत 30 करोड़ 16 लाख रूपए की राशि के 75 हजार 395 मानक बोरा और पश्चिम भानुप्रतापपुर वन मंडल के अंतर्गत 30 करोड़ 5 लाख रूपए की राशि के 75 हजार 120 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है। इसके अलावा बलरामपुर वन मंडल के अंतर्गत 36 करोड़ 21 लाख रूपए की राशि के 90 हजार 526 मानक बोरा का संग्रहण हुआ है। 

इसी तरह वन मंडलवार दंतेवाड़ा में 4 करोड़ रूपए की राशि के 10 हजार 395 मानक बोरा, जगदलपुर में 6 करोड़ की राशि के 14 हजार 802 मानक बोरा, दक्षिण कोण्डागांव में 5 करोड़ रूपए की राशि के 12 हजार 446 मानक बोरा तथा केशकाल में 8 करोड़ 44 लाख रूपए की राशि के 21 हजार 107 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है। नारायणपुर में 6 करोड़ 13 लाख रूपए की राशि के 15 हजार 322 मानक बोरा, कांकेर में 13 करोड़ 75 लाख रूपए की राशि के 34 हजार 364 मानक बोरा संग्रहण किया गया है।