पटाखों का अवैध कारोबार, व्यापारी गिरफ्तार
पटाखों का अवैध कारोबार, व्यापारी गिरफ्तार

बिलासपुर । दिवाली पर्व के पहले ही पटाखों का अवैध भंडारण शुरू हो गया है। बिलासपुर के सरकंडा स्थित राजकिशोर नगर के रियहाशी मकान को एक व्यवसायी ने पटाखा गोदाम बना लिया था। पुलिस ने दबिश देकर व्यापारी को पकड़ लिया और बड़ी मात्रा में उसके घर से पटाखे भी जब्त किए। मामले में व्यापारी के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

पुलिस को शुक्रवार रात सूचना मिली कि राजकिशोर नगर में व्यापारी ने रियाहशी इलाके में पटाखा गोदाम बना लिया है। जहां पटाखों का अवैध भंडारण किया गया है। इस पर पुलिस ने लोयला स्कूल रोड स्थित मकान की जांच की। जहां बड़े पैमाने में पटाखे मिले। पुलिस पटाखों को जब्त कर राजकिशोर नगर तुलसी आवास निवासी व्यापारी रिजवान मेमन (31) को पकड़कर थाने ले गई। उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। नियमानुसार पटाखों की बिक्री व भंडारण करने के लिए एसडीएम से अनुमति लेना पड़ता है। दुकान या गोदाम की जगहों का निरीक्षण करने के बाद ही एसडीएम पटाखा दुकान के लिए अनुमति देते हैं। अनुमति के साथ पटाखों के भंडारण करने की क्षमता भी तय की जाती है, लेकिन, लाइसेंस की आड़ में व्यापारी क्षमता से अधिक पटाखों का भंडारण कर रख लेते हैं। दिवाली पर्व पर जिला प्रशासन लाटरी के माध्यम से दुकानों का आबंटन करता है।

इस दौरान गांधी चौक स्थित मल्टीपरपज स्कूल ग्राउंड के साथ ही बुधवारी बाजार व मुंगेली नाका मैदान में पटााखों के दुकान लगते हैं। लेकिन कोरोना के कारण बुधवारी बाजार व मल्टीपरपज स्कूल ग्राउंड में दुकानों का आबंटन किया जाता है। शहर के बड़े पटाखा व्यापारी सदरबाजार, जूनीलाइन, गांधी चौक, जूना बिलासपुर, ज्वाली पुल सहित रिहायशी क्षेत्रों में दुकान संचालित कर रहे हैं। लाइसेंस की आड़ में पटाखों का गोदाम भी बना कर रखे हैं, लेकिन पुलिस अफसर व थानेदार ऐसे बड़े व्यापारियों तक पहुंच ही नहीं पाती। वहीं छोटे कारोबारियों को अपना निशाना बनाती है। सिविल लाइन पुलिस ने तीन दिन पहले पटाखों से भरे वाहन को जब्त किया था। वाहन चालक व एक युवक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए खानापूर्ति कर ली। सरजू बगीचा रोड पर पुलिस ने मालवाहक को जब्त किया था। वाहन चालक राजीव पिल्ले और उसमें सवार अफरोज खान को पकड़ा। दोनों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई कर ली। लेकिन, पटाखा कहां से आ रहा था और कहां ले जाया जा रहा था। इसकी जानकारी तक नहीं जुटाई गई।

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