रायपुर :  ‘मिट्टी की कला-कृति के माध्यम से बच्चों को नवीन शिक्षा‘
रायपुर :  ‘मिट्टी की कला-कृति के माध्यम से बच्चों को नवीन शिक्षा‘
  • शिक्षक सम्मान समारोह में विधायक एवं कलेक्टर सहित जन प्रतिनिधियों ने किया  शिक्षकों का सम्मान

बीजापुर ।  शिक्षक देश एवं समाज के भविष्य निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। वे बच्चों को संस्कारवान, अनुशासनप्रिय बनाने सहित उनमें नैतिक मूल्यों के गुण रोपित कर उनकी प्रतिभा का विकास करते हैं, जिससे वे आदर्श नागरिक बनकर राष्ट्र के निर्माण में योगदान देते हैं। यह बात विधायक एवं उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण श्री विक्रम मंडावी ने शिक्षक दिवस पर पोटा केबिन आडिटोरियम बीजापुर में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षक – शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा। उन्होने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्पद है। शिक्षक-शिक्षिकाएं उनके विचारों एवं आदर्शों पर चलकर देश एवं समाज के समग्र विकास में सहभागिता निभायें। इस मौके पर कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल ने शिक्षक दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए  कहा कि समाज में गुरू का स्थान मार्गदर्शक, पथ प्रदर्शक एवं भविष्य निर्माता के रूप  में है। जो माता- पिता के पश्चात भावी पीढ़ी को संवारने एवं गढ़ने का काम बखूबी करते हैं। कच्ची मिट्टी को कुम्हार गढ़कर एक सुंदर मटका बनाते हैं, ठीक उसी तरह की भूमिका षिक्षक निभाते हैं।

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उन्होने   शिक्षक – शिक्षिकाओं    से गांव, समाज में जागरूकता निर्मित करने सहित राष्ट्र निर्माण में योगदान देने हेतु महत्ती जिम्मेदारी का निर्वहन करने का आव्हान किया। वहीं जिले के अंदरूनी पहँुच विहीन ईलाके के 150 स्कूलों के पुनः संचालन हेतु सेवाएं देने वाले शिक्षादूतों के प्रयासों को सराहा तथा इन क्षेत्रों के बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर,   शिक्षक  बनाने के लिए   शिक्षक – शिक्षिकाओं को भूमिका निभाने कहा। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शंकर कुड़ियम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री कमलेश तारम, छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण परिषद  के सदस्य श्री बसंत राव ताटी, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के सदस्य श्री अजयसिंह, जिला पंचायत एवं बस्तर विकास प्राधिकरण सदस्य श्रीमती नीना रावतिया उद्दे तथा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने  शिक्षक – शिक्षिकाओं को  शिक्षक  दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। आरंभ में सभी अतिथियों ने पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर उनका स्मरण किया। वहीं जिले के 12 शिक्षक-शिक्षिकाओं को मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण शिक्षादुत पुरस्कार तथा 3 शिक्षकों को मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण ज्ञानदीप पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही अंदरूनी ईलाके के स्कूलों में नियुक्त  70 शिक्षादूतों को शॉल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। वहीं उक्त क्षेत्र के 160 स्कूली बच्चों को स्कूल गणवेश एवं जूते मोजे प्रदान किया गया।

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इस क्षेत्र के 15 पालकों को शॉल – श्रीफल भेंट किया गया। इस दौरान शिक्षादूतों ने अपने गांवों में शिक्षा के प्रति अलख जगाने संबन्धी अनुभव को साझा किया। वहीं पदेड़ा के राजेश मोड़ियम, गोरना के सहदेव एवं रामकुमारी, गंगईगुड़ा की पूजा मिच्चा आदि स्कूली बच्चों ने बताया कि करीब 15 वर्ष बाद स्कुल खुलने से वे सभी प्रफ्फुलित हैं और नियमित रूप से स्कूल जाते हैं इन बच्चों ने मध्यान्ह भोजन एवं पढ़ाई के बारे में भी अपनी बात कही और गणवेश तथा खेल सामग्री प्रदान करने की मांग रखी । शिक्षक सम्मान सम्मारोह के अवसर पर बड़ी संख्या में  शिक्षक-शिक्षिकाओं  स्कूली छात्र-छात्राएं और जिला प्रशासन के अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक मौजूद थे।