रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने टोक्यो ओलंपिक में भारत की भारोत्तोलक मीराबाई चानू द्वारा रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मीराबाई चानू ने भारत देश को विश्व पटल पर गौरवान्वित किया है। मीराबाई चानू ने ओलंपिक खेलों में 49 किलोग्राम वर्ग की भारोत्तोलन प्रतियोगिता में कांटे के मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए देश के लिए पहला रजत पदक जीता है।

आपको बता दें कि शुक्रवार से शुरू हुए टोक्यो ओलंपिक के दूसरे दिन भारत ने अपनी जीत का सिलसिला शुरू कर दिया है। दूसरे दिन भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. वेटलिफ्टिंग की 49 किलोग्राम कैटेगरी में मीराबाई चानू ने सिल्वर जीत कर पहला मेडल दिला दिया है। मीराबाई चानू मणिपुर की राजधानी इंफाल के पास नोंगपोक ककचिंग गांव की रहने वाली है। यहां के लोग जंगल में जाकर लकड़ी जुगाड़ करने का काम करते हैं. करीब 15 साल पहले की बात है कि इस गांव की एक छोटी सी बच्ची भी अपने बड़े भाई और पापा के साथ जंगल में लकड़ी लाने जाती थी. लकडिय़ां जुगाड़ करने के बाद घर लाने के लिए सभी के बीच बांट दिया जाता था. ताकि किसी पर ज्यादा बोझ न हो और कोई खाली हाथ न जाए. दस साल की बच्ची चानू भी लकड़ी उठाकर लाती थी. वह इतना ज्यादा भार उठाती थी कि हर कोई उसे देखकर दंग रह जाता था. मीराबाई चानू के बड़े भाई ने अपनी बहन के इस कारनामे को देखा और फिर शुरू हो गया इम्फाल स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भारोत्तोलन की ट्रेनिंग. भारत के इस वेट लिफ्टर से ही देश को ओलिंपिक खेलों के दूसरे दिन एक मेडल की उम्मीद थी।
आपको बता दे कि उत्तर कोरिया इस बार की ओलंपिक खेलों में इस स्पर्धा में शामिल नहीं है और भारोत्तोलन के नियमों के मुताबिक चीन को एक केटेगरी में एक ही एथलिट को उतारना है. यानि कि मीराबाई के सामने पदक जीतने का सुनहरा मौका है. चानू ने चार साल पहले यानी कि 2017 में अमेरिका में वल्र्ड चैंपियनशिप के 48 किलोग्राम केटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल की थी. वह एशियाई चैंपियनशिप में भी ब्रोंज मेडल जीत चुकी है.

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