PM Fasal Bima Yojana
PM Fasal Bima Yojana
  • फसल का बीमा कराने के लिए अंतिम दो दिन शेष

प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत खरीफ 2021 की फसल का बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2021 है। जिसमें अब मात्र 2 दिवस ही शेष रह गये है। किसानों से अपील है कि अपनी खरीफ फसलों का बीमा जल्द ही करा लें। जिले में पिछले एक माह से फसल बीमा का कार्य चल रहा है, जिसमें जिला प्रशासन के द्वारा योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को शामिल करने के लिये ग्राम स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार कार्यक्रम चलाया गया साथ ही फसल बीमा वैन के माध्यम से भी गांवों में जाकर किसानों को प्रेरित किया जा रहा है।

जिले में धान सिंचित, धान असिंचित, सोयाबीन एवं अरहर फसल लेने वाले किसान बीमा करा सकते है। ऋणी किसानों का फसल बीमा ऋण प्रदायिक बैंक के माध्यम से होगा तथा अऋणी किसान अपनी फसलों का बीमा लोक सेवा केन्द्रों या बैंक खाता संचालित बैंक शाखा या फसल बीमा पोर्टल से सीधे कर सकते हैं। मौसम की अनिश्चिता को देखते हुए अपनी फसलों का बीमा अवश्य कराएं ताकि प्रकृति विपरीत परिस्थितियों में हानि या क्षति होने पर वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके।

अब तक जिले में 1 लाख 22 हजार 697 कृषकों की 1 लाख 61 हजार 306 हेक्टेयर फसलों का बीमा पोर्टल में एन्ट्री कर ली गई है, जिसके लिये 13.04 करोड़ रूपये बीमा कंपनी को प्रेषित की जानी है। अभी भी निरंतर फसल की बीमा कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।

बीमा हेतु प्रीमियम राशि दर –

योजना के तहत खरीफ फसलों के लिये 2 प्रतिशत कृषक प्रीमियम राशि निर्धारित है, जिसके अनुसार कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि 975 रूपए धान सिंचित एवं 770 रूपए धान असिंचित हेतु प्रति हेक्टेयर है। इसी प्रकार कृषक द्वारा सोयाबीन फसल के लिये 770 रूपए तथा अरहर के लिये 555 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा।

बीमा कराने के लिये आवश्यक दस्तावेज –

ऋणी किसानों का बीमा संबंधित बैंक, सहकारी समिति द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाएगा। उन्हें केवल घोषणा एवं बुवाई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। अऋणी कृषकों को बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केन्द्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधारकार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्वामित्व साक्ष्य (बी-1 पांचसाला) या किरायदारया साझेदार कृषक का दस्तावेज, बुवाई प्रमाण पत्र एवं घोषणा पत्र प्रदाय कर बीमा करा सकते हैं। किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।