रायगढ़, 10 जून2021

आज समाज में ऐसी बहुत सी महिलायें है जो अपनी कार्यकुशलता एवं क्षमता के आधार पर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करने के साथ-साथ समाज के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत हैं। ऐसी ही एक महिला है जिनका नाम है गायत्री साहू जिन्होंने मेहनत के दम पर अपने सपनों को साकार किया है। कभी भी उन्होंने अपनी दिव्यांगता को अपनी सफलता की राह में बाधा बनने नहीं दिया। कलगाटार गांव जनपद पंचायत बरमकेला की रहने वाली गायत्री साहू पढ़ी लिखी है। हर इंसान की तरह इनका भी एक सपना था कि इन्हे इनके पति या परिवार के नाम से जानने से पहले इनके नाम से जाना जाये। समाज में इनकी एक पहचान हो और परिवार में इन्हे और इनके फैसले को सम्मान मिले। इस सपने को पूरा कर पाने में इनकी सहायता की सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान योजना) जिसकी मदद से गायत्री साहू ने ग्रामीण महिलाओं के स्व-सहायता समूह से जुड़ी और यहां से उनकी सफलता के रास्ते खुल गए।

बिहान योजना के अंतर्गत मिला प्रशिक्षण आरसेटी के अंतर्गत उन्हें एवं उनके जैसी महिलाओं को बैंक सखी का प्रशिक्षण मिला और वे उस योजना के बारे में जान पायी। गायत्री आज हर महीने 8000 से 10000 रुपये आय अर्जित कर लेती है। इसमें इन्हे लेन-देन सही तरीके से करना, बचत करना, उधार वापस करना, बैंक में खाता खुलवाना और हर हफ्ते बैठक करना ये सब बाते सिखाई गयी। इस योजना से जुडऩे के बाद गायत्री साहू ने अन्य बेरोजगार महिलाओं को जागरूक एवं प्रशिक्षित किया। गायत्री साहू का कहना है इन प्रशिक्षणों से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है कभी भी अपने दिव्यांगता से कमजोर नहीं हुई और उन्हें समाज में एक पहचान मिली और उनके नाम से लोग उन्हें जानने लगे। आज उनके माता-पिता और उनके पूरे परिवार को उन पर गर्व है। बिहान योजना के माध्यम से ऐसी महिलायें जो अपने सपने पूरे करना चाहते है उन्हें रोजगार एवं समाज में एक पहचान मिल पायी। समाज में जो महिला सशक्तीकरण की अवधारणा है। वह इन प्रयासों से सार्थक होती दिखाई दे रही है।