रायगढ़ :  रायगढ़ जिले में मध्यान्ह भोजन योजना कोविड काल में वरदान साबित हो रही  : जिले में 2922 शालाओं में हो रहा मध्यान्ह भोजन का सुचारू संचालन
रायगढ़ : रायगढ़ जिले में मध्यान्ह भोजन योजना कोविड काल में वरदान साबित हो रही : जिले में 2922 शालाओं में हो रहा मध्यान्ह भोजन का सुचारू संचालन

रायगढ़ । स्कूली छात्रों के लिए शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत रायगढ़ जिले में अनुदान/शासकीय 1985 प्राथमिक शाला, 919 अपर प्राथमिक शाला तथा स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक शाला 09 एवं अपर प्राथमिक शाला 09 इस प्रकार कुल 2922 शालाओं में मध्यान्ह भोजन योजना वर्तमान में संचालित हो रही है।

मध्यान्ह भोजन योजना के लिए सभी शालाओं में महिला स्व-सहायता समूह कार्यरत है तथा 5304 रसोईया मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य कर रहे हैं। जिसमें अध्ययनरत लगभग 1 लाख 42 हजार 856 विद्यार्थियों को कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए स्वच्छ, पौष्टिक एवं गरम मध्यान्ह भोजन निर्धारित मीनू के अनुसार तथा स्थानीय उपलब्धता के आधार पर प्रति दिवस खिलाया जा रहा है। जिस कारण जिले के शासकीय/अनुदान प्राप्त शालाओं में अध्ययनरत बच्चे उत्साह के साथ विद्यालय पहुंच रहे हैं तथा मध्यान्ह भोजन का लाभ ले रहे हैं।

मध्यान्ह भोजन में सभी आवश्यक विटामिन, प्रोटीन एवं कैलोरी समावेशित खाद्य पदार्थों का वितरण किया जा रहा है। जिस हेतु गत सत्रों से विद्यालयों में किचन गार्डन को जन सहयोग से बढ़ावा दिया गया है। जिससे भी तत्कालीन समय में ताजी सब्जियों की उपलब्धता अधिकांश विद्यालयों में बनी रही। रायगढ़ जिले में कोविड-19 के भीषण संक्रमण काल में मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत शासन के निर्देशानुसार सूखा राशन का वितरण शिक्षकों द्वारा समूह के सहयोग से व्यवस्थित पैकेट बनाकर घर-घर जाकर किया गया। जिसमें सूखा राशन वितरण के अंतर्गत बच्चों को चावल, दाल, तेल, आचार, सोया बड़ी एवं नमक भी दिया गया तथा पूरक आहार के रूप में चिकी का वितरण भी किया गया है।

जिसका लाभ सीधे तौर पर निचले तबके, गरीब तथा कामकाजी पालकों के एवं पलायन कर गए पालकों के उपलब्ध बच्चों तथा कुपोषित बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए शासन द्वारा विटामिन प्रोटीन एवं कैलोरी युक्त मध्यान्ह भोजन का वितरण किया जा रहा है। जिससे विद्यालय में बच्चों की संख्या तथा ठहराव दोनों में सतत् वृद्धि हो रही है। विकसित पल्लवित हो रहे बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन योजना वरदान साबित हो रही है।