ऐतिहासिक और पुरातत्विक दृष्टिकोण से समृद्ध धरोहरों  को करें संरक्षित: मंत्री श्री अमरजीत भगत
ऐतिहासिक और पुरातत्विक दृष्टिकोण से समृद्ध धरोहरों  को करें संरक्षित: मंत्री श्री अमरजीत भगत
  • मानव संग्रहालय, भारत भवन, अभिलेखागार, फिल्म सिटी और सांस्कृतिक गांव के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश 
  • मंत्रीपरिषद के मंजूरी के बाद जल्द अमल में आएगा छत्तीसगढ़ फिल्म पॉलिसी
  • छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति के समावेश से तैयार हो रहा है वेलकम गमछा: कलाकारों, बुद्धजीवियों और अतिथियों का किया जाएगा स्वागत 
  • संस्कृति मंत्री ने की विभागीय काम-काज की समीक्षा

रायपुर, 17 जून  2021

संस्कृति और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में विभागीय काम-काज की समीक्षा की। मंत्री श्री भगत ने संस्कृति विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश की कला संस्कृति, ऐतिहासिक एवं पुरातत्विक धरोहर जितना समृद्ध होगा उतना ही उसका महत्व बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के संरक्षित ऐतिहासिक और पुरातत्विक धरोहरों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। जीर्ण-शीर्ण स्थिति में पड़े धरोहरों का जीर्णोद्धार हो। छत्तीसगढ़ ऐतिहासिक और पुरातत्विक दृष्टिकोण से समृद्ध राज्य है। प्रदेश के अन्य स्थानों को चिन्हांकित कर पुरातत्विक खनन और सर्वे का काम होना चाहिए। 

मंत्री श्री भगत ने छत्तीसगढ़ से जुड़े अंग्रेजी शासनकाल के आदेशों, निर्णयों सहित राजा महाराजा एवं बौद्धिक तथा अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जुड़े अभिलेखों को म्यूजियम में संरक्षित रखने के साथ-साथ विभागीय वेबपोर्टल में अपलोड करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए पुरातत्विक और ऐतिहासिक धरोहर स्थलों पर आवागमन हेतु सड़क, पानी, बिजली सहित अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाए। मंत्री श्री भगत ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप नवा रायपुर में मानव संग्रहालय, भारत भवन, अभिलेखागार, फिल्म सिटी और संास्कृतिक गांव आदि की स्थापना के लिए शीघ्र कार्ययोजना तैयार कर उस उस पर अमल किया जाए। राज्य स्तर पर सांस्कृतिक गांव की स्थापना के साथ-साथ क्षेत्रीय स्तर पर भी स्थल चिन्हांकित कर सांस्कृतिक गांव की स्थापना किया जाना चाहिए। 

मंत्री श्री भगत ने छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के समावेश से निर्मित विशेष प्रकार के वेलकम गमछा का अवलोकन किया। गमछा का स्वरूप फाइनल होने के बाद मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण किया जाएगा। यह एक राजकीय गमछा होगा। इस गमछा से कलाकारों, अतिथियों, बुद्धजीवों और उत्कृष्ट कार्य करने वालों लोगों सहित सभा समारोह में अतिथियों और लोगों का स्वागत किया जाएगा। मंत्री श्री भगत ने प्रदेश के सभी 27 जिलों में गढ़कलेवा शुरू करने की स्थिति की भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि 10 जिलों में अस्थाई रूप से गढ़कलेवा शुरू कर दिया गया है। इन गढ़कलेवा केन्द्रों को स्थायी करने की कार्यवाही की जा रही है। शेष जिलों में भी जल्द गढ़कलेवा की शुरूआत की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ से जुड़े अभिलेखों को एकत्र कर डिजीटलाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में दो से ढाई लाख अभिलेखों को डिजीटलाइजेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। एक लाख अभिलेख के लिए आर्डर दिया गया है। डिजीटलाइजेशन से शोध छात्रों, रिसर्चरों, पाठकों को अध्ययन में सहायता मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ फिल्म पॉलिसी की नीति बनाने के लिए रूपरेखा तैयार कर लिया गया है। मंत्रीपरिषद में मंजूरी के बाद इसे शीघ्र अमल में लाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मानव संग्रहालय, भारत भवन, अभिलेखाकार और सांस्कृतिक गांव के लिए स्थल चिन्हांकित कर कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। जल्द ही एनआरडीए के अधिकारियों से समन्वय कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। 

मंत्री श्री भगत ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़े नाचा संस्थान अमेरिका में संचालित है। इस संस्थान द्वारा राज्य स्थापना के अवसर पर लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। अमेरिका के नाचा संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया गया है। ऐसे कलाकारों एवं संस्कृति प्रेमियों को प्रोत्साहित करने के लिए भी कार्ययोजना बनने चाहिए। मंत्री श्री भगत ने योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की भी समीक्षा की। मंत्री श्री भगत ने सतत् विकास लक्ष्य के लिए इनडिकेटर तैयार करने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने राजकोष टास्क फोर्स गठन की जानकारी ली। योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए इनडिकेटर तैयार करने राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित करने पर जोर दिया। उन्होंने नवाचार को बढ़ावा देने विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिए। मंत्री श्री भगत ने कहा कि कुछ विभागों की फ्लैक्सशीप योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग और क्रियान्वयन के लिए भी इनडिकेटर तैयार किया जाए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लोगों को राशन वितरण किया जा रहा है। मध्यान्ह भोजन के माध्यम से स्कूली बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में नौनिहालों को रेडी-टू-इट दिया जा रहा है। इससे प्रदेश में कुपोषण की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। छत्तीसगढ़ की वास्तविक स्थिति का सर्वे कर इनडेस्क में उच्च स्थान प्राप्त करने का भी प्रयास किया जाए। 

बैठक में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री आशीष भट्ट, संचालक श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी उपस्थित थी।