गोधन न्याय योजना से स्वालंबन की राह पर आगे बढ़ रही है महिलायें
गोधन न्याय योजना से स्वालंबन की राह पर आगे बढ़ रही है महिलायें

रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना से महिलाएं आर्थिक रुप से सशक्त हो रही है। गौठान में गोबर से वर्मी खाद बनाकर उसकी बिक्री से जो लाभांश मिला उससे बिलासपुर जिले की श्रीमती माधुरी धुरी ने स्मार्ट फोन खरीदा है और इसके माध्यम से वह आधुनिक दुनिया से रूबरू हो रही है। बिलासपुर नगर निगम अन्तर्गत मोपका के शहरी गौठान में वर्मी खाद बनाने सहित अन्य आयवर्द्धक गतिविधियों से मां अन्नपूर्णा महिला स्वसहायता समूह की सचिव श्रीमती माधुरी धुरी ने बताया कि वह विगत एक वर्ष से मोपका गौठान में अन्य महिलाओं के साथ गोधन न्याय योजना के तहत गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य कर रही है। उसके पास पहले की-पेड वाला मोबाईल फोन था जो उसकी जरूरतो के लिए पर्याप्त नही था। वर्मी खाद की बिक्री से उसे पहली बार जब लाभांश की राशि प्राप्त हुई तो इस राशि से उसने पांच माह पहले स्मार्ट फोन खरीदा है, जिसका उपयोग कर वह अपना कार्य सुविधाजनक ढंग से कर पा रही है।

माधुरी के लगन को देखते हुए नगर निगम द्वारा उसे स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ा गया है। नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराये गये ट्राईसाईकिल में वह कॉलोनी में जाकर घरों से कचरा संग्रहण का कार्य कर रही है। इस कार्य से उसे हर माह 6 हजार की आय मिलेगी। माधुरी सुबह जल्दी उठकर अपना घरेलु काम निपटाती है और प्रतिदिन प्रातः 7 बजे गौठान पहुंचती है फिर ट्राईसाइकिल लेकर लोगों के घरों से दोपहर तक कचरा संग्रहण करती है फिर गौठान में आकर वर्मी खाद बनाने के कार्य में जुटती है। इस तरह की व्यस्त दिनचर्या में भी वह प्रसन्न है। माधुरी पहले अपने घर तक सीमित थी। अब बाहर निकलकर सुराजी ग्राम योजना के तहत गौठान की आर्थिक गतिविधियों से जुड़ी है जिससे उसमें आत्मविश्वास आ गया है और वह  स्वावंलबन की राह में आगे बढ़ रही है। महात्मा गांधी जी के आदर्शों के अनुसरण में छत्तीसगढ़ सरकार की योजना ने स्वावलम्बन के उसके सपने को पूरा करने का हौसला दिया है।