रायपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति: नन्हे मुन्ने बच्चे करेंगे स्कूली शिक्षा से पहले बाल-वाटिकाओं में पढ़ाई
रायपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति: नन्हे मुन्ने बच्चे करेंगे स्कूली शिक्षा से पहले बाल-वाटिकाओं में पढ़ाई
  • संसाधनों और व्यवस्थाओं के आंकलन कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश
  • प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक  

स्कूली शिक्षा से पहले आंगनबाड़ी के नन्हे मुन्ने बच्चे बाल-वाटिकाओं में पढ़ाई करेंगे। बाल-वाटिकाओं में बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य में बाल वाटिकाएं प्रारंभ करने के संबंध में विस्तृत-विचार विमर्श मंत्रालय में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के एकीकरण हेतु गठित विशेष संयुक्त कार्य बल की बैठक किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित नवीन स्ट्रक्चर 5+3+3+4 को लागू करने के लिए सभी व्यवस्थाओं और संसाधनों का आंकलन कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

    स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. शुक्ला ने संयुक्त कार्य बल की बैठक में बाल-वाटिका एवं कक्षा पहली में बच्चों को सीखने के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्य साम्रगी, शाला तैयारी मोड्यूल एवं प्रशिक्षण मोड्यूल तैयार करने कहा है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी स्तर पर यू-डाईस डाटा और समग्र शिक्षा को उपयोगी डाटा को मर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए छोटे-छोटे सब टास्क फोर्स गठित कर आपस में मंत्रणा एवं ब्रेन-स्टोर्मिंग सत्रों का आयोजन करने का सुझाव दिया।  

इसे भी पढ़ें  छत्तीसगढ़ विधानसभा में चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग (अधिग्रहण) विधेयक 2021 ध्वनिमत से पारित

    डॉ. शुक्ला ने शिक्षकों के सतत् क्षमता विकास के लिए आदिवासी विकास विभाग में वर्षों से कार्यरत कुशल एवं अनुभवी प्राचार्यों की सेवा लिए जाने का सुझाव भी दिया, उन्होंने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने भी कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित क्लस्टर स्कूल एप्रोच को प्राथमिकता के तौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एजुकेशन हब मॉडल के रूप में तैयार किए जाने पर विचार किया जा सकता है। इसी प्रकार उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को विशिष्ट आवश्यकता वाले विद्यार्थी के लिए एक कार्यक्रम तैयार कर प्रस्तावित करने के निर्देश भी दिए।

    बैठक में प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों में विषयवस्तु को विद्यार्थियों तक पहुंचाने में आ रही समस्या और शिक्षकों के पेशेवर विकास में पूर्ण गुणवत्ता को फोकस कर स्थिति में सुधार किए जाने का सुझाव दिया गया। आदिवासी विकास विभाग द्वारा शुरूआती वर्षों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में अध्यापन एवं स्थानीय भाषा में सामग्री बनाने का सुझाव दिया गया। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, संचालक एससीईआरटी श्री राहुल वेंकट, सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल प्रो. व्ही.के. गोयल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

इसे भी पढ़ें  Raipir : Chief Minister Mr. Bhupesh Baghel performs  virtual inauguration of Rajiv Gandhi Chowk beautification work