Swami Atmannd
Swami Atmannd

मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समाज सुधारक और शिक्षाविद् स्वामी आत्मानंद की पुण्यतिथि 27 अगस्त पर उन्हें नमन करते हुए कहा है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में मानव सेवा एवं शिक्षा संस्कार की अलख जगाई। पीड़ित मानवता की सेवा को उन्होंने सबसे बड़ा धर्म बताया। छत्तीसगढ़ उनकी कर्मभूमि रही है। स्वामी आत्मानंद ने शहरी और आदिवासी क्षेत्र में बच्चों में संस्कार, युवकों में सेवा भाव और बुजुर्गों में आत्मिक संतोष का संचार किया। स्वामी विवेकानंद के विचारों का भी उन पर भी गहरा असर हुआ और उन्होंने अपना पूरा जीवन दीन-दुखियों की सेवा में बिता दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वामी आत्मानंद के पद चिन्हों पर चलते हुए किसानों, वनवासियों, गरीबों और मजदूरों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के हर संभव प्रयास कर रही है। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वामी आत्मानंद जी के मानव सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्य अनुकरणीय और प्रेरणास्पद है। स्वामी आत्मानंद जी ने वनवासियों के उत्थान के लिए नारायणपुर आश्रम में उच्च स्तरीय शिक्षा केन्द्र की स्थापना की। राज्य सरकार ने इससे प्रेरणा लेते हुए उनके नाम पर स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए हैं, जिनमें हर वर्ग के बच्चों को अच्छी कक्षा, पुस्तकालय, खेल मैदान सहित अच्छी पढ़ाई की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने आदिवासियों के सम्मान एवं उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए अबूझमाड़ प्रकल्प की स्थापना की। नारायणपुर में वनवासी सेवा केन्द्र प्रारंभ कर वनवासियों की दशा और दिशा सुधारने के प्रयास किए। श्री बघेल ने कहा कि स्वामी अत्मानंद जी के आदर्श और जीवन मूल्य सदा जनसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।