दिव्यांग बालिका ने पैरों से की पेंटिंग, जीता प्रथम पुरस्कार
दिव्यांग बालिका ने पैरों से की पेंटिंग, जीता प्रथम पुरस्कार

कोंडागांव। इंसान अपने शरीर से दिव्यांग हो सकता है, मगर हौंसलों से नहीं, ये कर दिखाया है एक 13 वर्षीय दिव्यांग बालिका राजेश्वरी ने, हाथ-पैर काम नहीं करते, फिर वह हर वो काम कर रही है जो कि सही-सलामत हाथ-पैरों वाले लोग भी नहीं कर पाते । फिर भी वो पैरों के सहारे कंचे खेलने के साथ रंगोली, पेंटिंग में निपूर्ण है । यही नहीं पैरों से लिखती है, साथ ही बालिका को गाना गाने का भी शौक है और गाना भी अच्छा गा लेती है । साथ ही गाना अपने दोस्तों को भी सिखाती है । आज हुई रंगोली प्रतियोगिता में उसने अपने पैरों से इतनी अच्छी रंगोली बनाई की । जो बच्चे अपने हाथ से रंगोली बना रहे थे वे भी दंग रह गए । साथ ही पहला पुरस्कार भी
जीता है ।

इसे भी पढ़ें  Raipur : The Campaign for COVID infection containment in rural areas yielding positive results, more than half of the villages in Chhattisgarh are COVID-free

Leave a comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *