छत्तीसगढ़ की बेटियों की उपलब्धियों पर हम सबको गर्व : राज्यपाल
छत्तीसगढ़ की बेटियों की उपलब्धियों पर हम सबको गर्व : राज्यपाल

रायपुर । छत्तीसगढ़ की बेटियों की उपलब्धियों पर गर्व है। यहां की बेटियों ने कला, साहित्य, विज्ञान, खेलकूद, पत्रकारिता, प्रशासन हर क्षेत्र में परचम लहराया है और अपने परिवार सहित प्रदेश का नाम रोशन किया है। वे कभी भी किसी चुनौतियों से न घबराएं और निरंतर आगे बढ़ते रहें। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कही। वे कर्मयोगिनी सम्मान कार्यक्रम में अपना उद्बोधन दे रही थीं। उन्होंने सम्मानित सभी बेटियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ एवं यहां की समस्त महिला शक्ति के लिए भी गर्व की बात है कि यहां पर एक महिला को राज्यपाल का दायित्व सौंपा गया है। राज्यपाल सुश्री उइके आज इन बेटियों की उपलब्धियों और क्षमताओं से अभिभूत हो गईं और उन्होंने कहा कि मुझे आप सब पर गर्व है और मैं आप सबको राजभवन आमंत्रित करूंगी। उन्होंने स्वयं के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि बेटियों और महिलाओं को हर क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इससे हार नहीं माननी चाहिए और सफलता हासिल करने के लिए दोगुने जोश से जुट जाना चाहिए। राज्यपाल सुश्री उइके आज बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ संस्था द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बतौर शामिल हुईं।

इसे भी पढ़ें  प्रदेश में 84 प्रतिशत लोगों को लग चुका है कोरोना का पहला टीका

राज्यपाल ने कहा कि यहां तक पहुंचने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, परन्तु उनकी संघर्ष यात्रा में अच्छे लोग भी मिले, जिनसे अपनी तकलीफ साझा करती थी तो वे उनका उत्साहवर्धन करते थे। मैं महापुरूषों की जीवनी और प्रेरणादायी पुस्तकों का अध्ययन करती थी, जिससे निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली और आज मुझे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद पर कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण वर्ष 2015 से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान प्रारंभ किया गया, जिसके सुखद परिणाम सामने आए।

इसी का परिणाम है कि आज विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएं अपना परचम लहरा रही हैं। महिलाओं एवं बच्चियों की योग्यता और महत्व को समझते हुए हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा पहली बार जेण्डर आधारित बजट व्यवस्था को लागू किया था। इसी विचार सोच एवं नीति को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा भी महिला एवं बालिकाओं के हितों की योजनाओं को गति प्रदान कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि मैंने जब से राज्यपाल पद का दायित्व संभाला मैंने यह प्रयास किया कि हर जरूरतमंद व्यक्तियों की बात सुनूं और समाधान के प्रयास करूं। मैंने राजभवन की लार्ड गवर्नर की अवधारणा को समाप्त किया और राजभवन को सभी के लिए खोलकर राजभवन को ‘जनभवन’ बना दिया। कार्यक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं डॉ. राजेन्द्र फड़के ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पूर्व संसदीय सचिव श्रीमती चंपादेवी पावले, पूर्व विधायक श्री श्रीचंद सुंदरानी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ संस्था के संयोजक श्री अंजय शुक्ला, संस्था के पदाधिकारीगण एवं महिलाएं उपस्थित थीं।

इसे भी पढ़ें  छत्तीसगढ़ के प्राचीन दशहरा उत्सव में माना जाता है रावणभाठा का दशहरा