B166D97B031E94619F6CFCBF68FD2030, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय और सदस्यों ने दंतेश्वरी गौ संवर्धन एवं शोध केन्द्र टेकनार का अवलोकन किया
B166D97B031E94619F6CFCBF68FD2030, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय और सदस्यों ने दंतेश्वरी गौ संवर्धन एवं शोध केन्द्र टेकनार का अवलोकन किया

राष्ट्रिय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा वनवासी क्षेत्रों में जैविक कृषि एवं पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन के माध्यम से बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है. इस दृष्टी से छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल दंतेवाडा क्षेत्र में गौ पालन का उन्नत उदाहरण आयोग के राष्ट्रिय अध्यक्ष को देखने मिला.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नन्दकुमार साय सहित सदस्य हरिकृष्ण दामोर एवं श्रीमती माया चिंतामणि इवनाते ने दन्तेवाड़ा जिले के प्रवास पर मां दंतेश्वरी गौ संवर्धन एवं शोध केन्द्र टेकनार का अवलोकन कर दुधारू गाय पालन, दुग्ध उत्पादन और दुग्ध उत्पादों सहित चारा उत्पादन,जैविक खाद बनाने इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी ली. वहीं किसानों और ग्रामीणों से मिलकर खेती-किसानी, वनाधिकार पट्टे, सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत पेंशन प्रदाय,सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को खाद्यान्न एवं अन्य जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता इत्यादि के बारे में पूछा.

इस दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री साय और अन्य सदस्यों ने मां दंतेश्वरी गौ संवर्धन एवं शोध केन्द्र टेकनार में उन्नत नस्ल के दुधारू गाय पालन सहित गौ संवर्धन की दिशा में किये जा रहे सकारात्मक प्रयासों को सराहा. वहीं जैविक खाद निर्माण, जीवामृत इत्यादि के माध्यम से जैविक खेती-किसानी को बढ़ावा देने की प्रशंसा की. इस मौके पर कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि डीएमएफ और सीएसआर मद से संचालित इस गौ संवर्धन एवं शोध केन्द्र के जरिये जिले के किसानों और ग्रामीणों को पशुपालन जैसी आयमूलक गतिविधि अपनाने के लिये प्रोत्साहित कर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. वहीं उन्हें जैविक खाद बनाने के साथ ही जैविक खेती-किसानी के बारे में भी जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि जिले में बीते 4 वर्षों से जैविक खेती-किसानी को बढ़ावा दिया जा रहा है और अब तक करीब 9 हजार किसान जुड़ चुके हैं. इन किसानों द्वारा कृषक संगठन भूमगादी गठित कर अपने जैविक उत्पाकदों का विक्रय देश के 35 शहरों के 66 आउटलेट के माध्यीम से किया जा रहा है. जिसमें मुख्यै रूप से लोकटी माची, बादशाह भोग, धूबराज, जावाफूल इत्या्दि सुगंधित चावल के अलावा कोदो, खुटकी चावल और उड़द, मूंग, अरहर, कुल्थी दलहन सम्मिलित है.

इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के संचालक श्री आरके दुबे, पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव, आदिवासी विकास विभाग के सयुंक्त सचिव श्री विपिन मांझी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, क्षेत्र के पंचायत पदाधिकारी  तथा बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीणजन मौजूद थे.

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