बालोद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चल रहे कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ज़िला पंचायत ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) डॉ. संजय कन्नौजे ने मनरेगा के क्रियान्वयन में गुड गवर्नेन्स सुनिश्चित करने के लिए जिला पंचायत के सभाकक्ष में एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में, उन्होंने सभी कार्यक्रम अधिकारियों और तकनीकी सहायकों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
डॉ. कन्नौजे ने परिवार रोजगार कार्ड का सत्यापन और अद्यतन, केश रिकार्ड, कार्य नस्ती का संधारण, नागरिक सूचना पटल का निर्माण, और सात प्रकार की पंजियों का संधारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी ग्राम रोजगार सहायकों को जनपद स्तरीय प्रशिक्षण देने के निर्देश भी दिए।
मनरेगा के तहत चल रहे प्राथमिकता वाले कार्यों जैसे सेग्रीगेशन शेड और आंगनबाड़ी निर्माण कार्य को समय सीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने के निर्देश भी दिए गए।
डॉ. कन्नौजे ने सेग्रीगेशन शेड निर्माण कार्य में देरी होने पर सभी कार्यक्रम अधिकारियों और संबंधित तकनीकी सहायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने 3 दिनों के भीतर कार्य पूरा करते हुए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
इस कार्यशाला में जिला स्तरीय सहायक परियोजना अधिकारी, शिकायत समन्वयक, लाईन डिपार्टमेंट के अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी और तकनीकी सहायक उपस्थित थे।
यह कदम मनरेगा के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए महत्वपूर्ण है। मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण साधन है, और इसके सही ढंग से क्रियान्वयन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उदाहरण के लिए, मनरेगा के तहत बनाए गए सेग्रीगेशन शेड ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा निपटान में मदद करते हैं, जो स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी तरह, आंगनबाड़ी निर्माण कार्य बच्चों के पोषण और विकास में मदद करते हैं।
आशा है कि बालोद जिला पंचायत के ये कदम मनरेगा योजना को और अधिक प्रभावी बनाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।