छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इस अभियान में पुलिस ने 206 मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जिनका उपयोग संभवतः साइबर अपराध में किया जा रहा था। यह घटना कोरिया जिले के पटना थाना क्षेत्र की है, जो साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है।
7 अगस्त, 2024 को कोरिया पुलिस अधीक्षक को एक गुप्त सूचना मिली। इस सूचना के अनुसार, कुछ संदिग्ध व्यक्ति पश्चिम बंगाल से आकर ग्राम आंजोखुर्द के आसपास घूम रहे थे। ये लोग स्थानीय निवासियों से पुराने मोबाइल फोन की मांग कर रहे थे और बदले में घरेलू सामान दे रहे थे। इस संदिग्ध गतिविधि ने पुलिस का ध्यान आकर्षित किया।
तत्काल कार्रवाई करते हुए, पटना थाना की टीम ने मौके पर छापेमारी की। इस दौरान चार व्यक्तियों को संदिग्ध अवस्था में पाया गया। ये चारों रियाजुल हक, सेन्दु शेख, फारुख शेख और ईबादु रहमान हैं, जो पश्चिम बंगाल और झारखंड के निवासी बताए जाते हैं।
जांच के दौरान, पुलिस ने इन संदिग्धों के पास से एक बोरी में रखे 206 मोबाइल फोन बरामद किए। ये फोन विभिन्न कंपनियों के थे, जिनके बारे में संदिग्धों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ में पता चला कि ये लोग इन मोबाइल फोन को कोलकाता की विभिन्न दुकानों में बेचने का इरादा रखते थे।
यह घटना साइबर अपराध के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करती है। पश्चिम बंगाल और जामताड़ा जैसे क्षेत्र पहले से ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए कुख्यात हैं। ऐसे में, इन मोबाइल फोन का उपयोग बड़े पैमाने पर साइबर अपराध में किया जा सकता था।
कोरिया पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल एक संभावित अपराध को रोका है, बल्कि साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। यह घटना दर्शाती है कि अपराधी नए-नए तरीके अपना रहे हैं, और पुलिस को भी अपनी रणनीतियों को लगातार अपडेट करना होगा।
इस प्रकरण में पुलिस अब आगे की जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि इन मोबाइल फोन का स्रोत क्या है और इनका उपयोग किस तरह के अपराधों में किया जा रहा था। साथ ही, यह भी जांच का विषय है कि क्या इस गिरोह के अन्य सदस्य भी हैं जो अभी तक पकड़ से बाहर हैं।
यह घटना साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। आम जनता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। पुराने मोबाइल फोन को बेचते समय या किसी अनजान व्यक्ति से लेन-देन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही, अपने व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखने के लिए नियमित रूप से मोबाइल फोन को रीसेट करना और महत्वपूर्ण जानकारी को हटाना भी जरूरी है।
इस तरह की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि डिजिटल युग में सुरक्षा सिर्फ व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि एक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। पुलिस, तकनीकी विशेषज्ञ और आम नागरिकों को मिलकर काम करना होगा ताकि साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।