छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक अनोखी पहल ने हरियाली को नया आयाम दिया है। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशन और सीईओ जिला पंचायत दिव्या अग्रवाल के मार्गदर्शन में, ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के तहत 20,000 से ज़्यादा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के लाभार्थियों ने अपने घरों में पौधे लगाए। सोमवार को हुए इस विशाल वृक्षारोपण कार्यक्रम ने न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया, बल्कि ग्रामीण विकास के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता को भी बढ़ावा दिया।
हज़ारों हाथों ने बढ़ाई हरियाली
लगभग 20,000 PMAY-G के लाभार्थियों ने अपने घरों के आसपास फलदार और छायादार पौधे लगाए। यह कार्यक्रम 14 जुलाई 2025 को आयोजित किया गया था। यह संख्या वाकई प्रभावशाली है और दर्शाती है कि कैसे एक सामूहिक प्रयास से पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। सोचिए, 20,000 नए पौधे – यह कितनी ज़्यादा ऑक्सीजन, कितनी ज़्यादा हरियाली, और कितना ज़्यादा सुंदर वातावरण बनाएंगे! यह केवल एक संख्या नहीं, बल्कि हज़ारों सपनों, हज़ारों आशाओं, और हज़ारों भावनाओं का एक मिश्रण है।
सरकार की पहल और जन सहभागिता का अनूठा संगम
छत्तीसगढ़ सरकार के वृक्षारोपण अभियान के साथ जुड़कर, इस पहल ने PMAY-G के तहत बने 20,000 आवासों में हरियाली बिखेर दी। जिले को वर्ष 2024-25 में 48,137 आवासों का लक्ष्य मिला था, जिसमें से 20,000 का निर्माण पूरा हो चुका है। यह दर्शाता है कि कैसे सरकार की योजनाएँ जन सहभागिता से और भी प्रभावशाली हो सकती हैं। यह एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे योजनाएँ सिर्फ़ कागज़ों तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि धरातल पर भी उतरकर सार्थक परिणाम देती हैं।
आगे का रास्ता
इस सफलता के बाद, ज़रूरी है कि इन पौधों की देखभाल की जाए ताकि वे बड़े होकर पेड़ बन सकें। हम सभी को मिलकर इन पौधों को पानी देना, उनकी सुरक्षा करना और उनकी देखभाल करना चाहिए। यदि हम सभी अपनी ओर से थोड़ा सा योगदान दें, तो हम अपने पर्यावरण को और अधिक हरा-भरा बना सकते हैं। यह हमारी ज़िम्मेदारी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण है।