छत्तीसगढ़: भारत सरकार ने पर्यटन में उत्कृष्टता के लिए चित्रकोट और ढूढमारस को किया सम्मानित
छत्तीसगढ़: भारत सरकार ने पर्यटन में उत्कृष्टता के लिए चित्रकोट और ढूढमारस को किया सम्मानित

विश्व पर्यटन दिवस पर छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में किए गए बेहतरीन काम के लिए सम्मानित किया गया है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने अपनी ‘बेस्ट टूरिज्म विलेज प्रतियोगिता 2024’ में बस्तर के चित्रकोट और ढूढमारस गांवों को विशेष सम्मान से नवाजा है। ये पुरस्कार केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किए गए।

चित्रकोट को सामुदायिक पर्यटन मॉडल के लिए और ढूढमारस को एडवेंचर पर्यटन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ये सम्मान मिले हैं। इस खास मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चित्रकोट और ढूढमारस ग्राम के लोगों और पर्यटन विभाग की टीम को बधाई देते हुए कहा, “यह सम्मान छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूती देता है।” उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से राज्य के पर्यटन उद्योग को और गति मिलेगी। इसके लिए राज्य में वेलनेस टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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ये पुरस्कार छत्तीसगढ़ के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये राज्य के पर्यटन क्षमता को उजागर करते हैं। चित्रकोट का जलप्रपात अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है, जबकि ढूढमारस अपनी रोमांचक एडवेंचर गतिविधियों के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है। इन दोनों स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा देने में स्थानीय समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

इस सम्मान के साथ, छत्तीसगढ़ राज्य के पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी, और यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की पहचान को मजबूत करेगा। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा दिए गए इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य, और जंगल सफारी और ज़ू रायपुर के निदेशक गणवीर धम्मशील उपस्थित थे। इसके साथ ही अनएक्सप्लोर्ड बस्तर के संस्थापक जीत सिंह आर्य, और स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि मंसिंग बघेल व सोनाधर बघेल (ढूढमारस), तथा खगेश्वर मौर्य व सुकमन कश्यप (चित्रकोट)** भी इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए मौजूद थे।

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ऐसे सम्मान छत्तीसगढ़ की पर्यटन क्षमता को और उजागर करते हैं, और स्थानीय समुदायों को पर्यटन के माध्यम से अपनी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने का अवसर प्रदान करते हैं।