राज्यपाल डेका से कलाकारों और लोकायुक्त का सौजन्य भेंट
आज रायपुर के राजभवन में एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला। एक तरफ, छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला और संस्कृति की झलक दिखाते हुए तिफरा बिलासपुर के गेंडी लोक नृत्य कलाकार अनिल कुमार गढ़ेवाल ने राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात की। उनके साथ लक्ष्मी नारायण मांडले भी मौजूद थे। यह मुलाक़ात सिर्फ़ एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि छत्तीसगढ़ के कला और संस्कृति के प्रति राज्यपाल के सम्मान और समर्थन का प्रमाण थी। गेंडी नृत्य की जीवंतता और कलाकारों के जज़्बे ने निश्चित ही राज्यपाल को प्रभावित किया होगा।
लोकायुक्त का वार्षिक प्रतिवेदन
दिन के दूसरे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में, छत्तीसगढ़ लोक आयोग के लोकायुक्त न्यायमूर्ति आई.एस. उबोवेजा ने राज्यपाल डेका को 23वां वार्षिक प्रतिवेदन सौंपा। यह प्रतिवेदन राज्य के प्रशासन और जनहित के मुद्दों पर प्रकाश डालता है, और राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवसर पर कानूनी सलाहकार अजीत कुमार राजभानु, उप सचिव के.पी. सिंह भदौरिया, तकनीकी सलाहकार राकेश पुरम और पी.एस. राजेश गजेंद्र भी उपस्थित थे। यह मुलाक़ात लोकतंत्र की मज़बूती और पारदर्शिता के प्रति राज्यपाल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आप सोच रहे होंगे कि इन दोनों घटनाओं में क्या समानता है? यह दोनों ही घटनाएँ छत्तीसगढ़ की समृद्धि और प्रगति के लिए काम करने वाले लोगों के प्रयासों को दर्शाती हैं। एक तरफ कलाकार अपनी कला के माध्यम से राज्य की संस्कृति को जीवित रख रहे हैं, तो दूसरी तरफ लोकायुक्त अपनी भूमिका निभाकर प्रशासन में पारदर्शिता बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। यह दोनों ही पहलू राज्य के समग्र विकास के लिए बेहद ज़रूरी हैं।
मुझे व्यक्तिगत रूप से यह जानकर खुशी हुई कि राज्यपाल जी ने इन दोनों महत्वपूर्ण मुलाकातों में समय दिया। यह दर्शाता है कि वे न केवल प्रशासनिक कामकाज में रुचि रखते हैं, बल्कि कला और संस्कृति को भी महत्व देते हैं और राज्य के नागरिकों के कल्याण के प्रति भी गंभीर हैं।