छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस सुबोध सिंह को मिली स्टील मिनिस्ट्री में बड़ी जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस सुबोध सिंह को मिली स्टील मिनिस्ट्री में बड़ी जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी सुबोध सिंह को भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। एडिशनल सिक्रेटरी रैंक के इस अधिकारी को स्टील मिनिस्ट्री में फायनेंशियल एडवाइजर की भूमिका सौंपी गई है।

यह पद सुबोध सिंह के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। ज्वाइंट सिक्रेटरी से एडिशनल सिक्रेटरी पद पर प्रमोशन पाने वाले अधिकारियों को भारत सरकार विभिन्न विभागों में एडवाइजर नियुक्त करती है। सुबोध सिंह 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। छत्तीसगढ़ के गठन से तीन साल पहले वे मध्यप्रदेश कैडर में थे। बाद में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर आवंटित किया गया।

सुबोध सिंह को नीट परीक्षा में हुई धांधली के मामले में राजनीतिक दबाव में उन पद से हटा दिया गया था। लेकिन, स्टील मिनिस्ट्री में फायनेंशियल एडवाइजर की भूमिका देकर उन्हें पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया गया है।

सुबोध सिंह अपने काम करने के तरीके के लिए जाने जाते हैं। सुबोध सिंह 2020 में छत्तीसगढ़ से सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली गए थे। वहां उन्होंने फूड मिनिस्ट्री में ज्वाइंट सिक्रेटरी के रूप में काम किया। बाद में उन्हें एडिशनल सिक्रेटरी के रूप में प्रमोट किया गया और एनटीए के सीईओ बनाया गया।

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सुबोध सिंह ने रायगढ़, रायपुर और बिलासपुर के कलेक्टर के पद पर भी कार्य किया है। वे रायपुर के दो बार कलेक्टर रहने वाले पहले आईएएस अधिकारी हैं। रायपुर से बिलासपुर कलेक्टर बनाकर भेजे जाने के बाद रायपुर में ही कलेक्टर के पद पर लौट आए थे। रायपुर कलेक्टर के पद से तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह ने उन्हें सीएम सचिवालय में बुला लिया था। सुबोध सिंह लगभग आठ साल सीएम सचिवालय में रहे और बिजली वितरण कंपनी के एमडी के साथ-साथ माईनिंग सिक्रेटरी की जिम्मेदारी भी संभाली। इसके साथ ही उन्होंने सीएम के सिक्रेटरी रहते हुए उद्योगा और पीडब्लूडी का भी कार्यभार संभाला।

यह नियुक्ति छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारियों के लिए गर्व का विषय है। सुबोध सिंह की यह उपलब्धि सबको प्रेरित करेगी।