छत्तीसगढ़: मोहनटोला में ‘डायरिया से बचाव’ अभियान ने बिखेरा जागरूकता का प्रकाश
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, हम अक्सर अपनी सेहत की अनदेखी कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ साधारण सावधानियों से हम कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं? छत्तीसगढ़ के भरतपुर विकासखंड के मोहनटोला ग्राम पंचायत में ऐसा ही एक प्रयास किया गया।
जल जीवन मिशन का अनोखा पहलू: ‘डायरिया से बचाव’ अभियान
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सेवा विभाग ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत ‘Stop Diarrhoea Campaign‘ नामक एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। यह अभियान सिर्फ़ पानी की उपलब्धता तक सीमित नहीं था, बल्कि इससे कहीं आगे बढ़कर स्वच्छता और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने पर केंद्रित था। कितना ज़रूरी है ये? सोचिए, एक साधारण डायरिया भी कितना कमज़ोर कर सकता है, ख़ासकर बच्चों को।
मेरे खुद के अनुभव से कहूँ तो, बचपन में मुझे भी डायरिया हुआ करता था और उसकी वजह से काफी परेशानी होती थी। तब मुझे समझ नहीं आता था कि साफ-सफाई कितनी ज़रूरी है। इसलिए ये अभियान वाकई में सराहनीय है, जो बच्चों और बड़ों दोनों को सही जानकारी दे रहा है।
ग्रामीणों को दी गई अहम जानकारी
कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की टीम ने ग्रामीणों को स्वच्छता, शुद्ध पेयजल और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने डायरिया से बचाव के उपाय, हाथ धोने की सही विधि और दैनिक जीवन में स्वच्छता बनाए रखने जैसे अहम मुद्दों पर प्रकाश डाला। टीम ने सरल भाषा में समझाया कि कैसे साफ पानी पीना, हाथों को नियमित रूप से धोना और स्वच्छता का ध्यान रखना हमें कई बीमारियों से बचा सकता है।
उदाहरण के लिए, टीम ने बताया कि कैसे घर के आसपास कूड़ा-करकट जमा न होने दें, खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद हाथ धोना ज़रूरी है और पानी उबालकर पीने से जल जनित बीमारियों से बचा जा सकता है। ये छोटी-छोटी बातें हैं, लेकिन इनका प्रभाव बहुत बड़ा है।
एक सराहनीय पहल
इस पहल का उद्देश्य ग्रामीणों को जल जनित रोगों से बचाना और बीमारियों की रोकथाम हेतु स्वच्छ जल और स्वच्छता के प्रति प्रेरित करना है। यह अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि ग्रामीण समुदायों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आशा है कि ऐसे और भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिससे हर व्यक्ति स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सके।