छत्तीसगढ़ में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमा गया है! विष्णुदेव साय सरकार ने दो राजीव गांधी योजनाओं का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने का फैसला किया है। यह फैसला नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के साथ लागू हुआ है।
राजीव गांधी स्वावलंबन योजना अब दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना
राजीव गांधी स्वावलंबन योजना, जो गरीबों और कमजोर वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी, का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना कर दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना अब दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना
इसी तरह, राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए शुरू की गई थी, का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना कर दिया गया है। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और उन्हें कर्ज उपलब्ध कराया जाता है।
राजनीतिक माहौल गरमाया
यह फैसला राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लाने वाला है। 2018 में कांग्रेस सरकार ने कई योजनाओं के नाम बदले थे, जिसके बाद बीजेपी सरकार ने भी कई योजनाओं के नाम बदले। अब विष्णुदेव साय सरकार ने भी राजीव गांधी योजनाओं का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया है। यह फैसला राजनीतिक विवाद को और बढ़ा सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले पर कांग्रेस की क्या प्रतिक्रिया होती है। बीजेपी ने कहा है कि वे कांग्रेस सरकार द्वारा बदली गई योजनाओं का नाम ही बदल रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने इसे राजनीतिक स्टंट बताया है।
यह घटना राजनीतिक खेल में योजनाओं के नाम का इस्तेमाल करने का एक उदाहरण है। यह सवाल उठता है कि क्या योजनाओं के नाम बदलने से लोगों के जीवन में कोई बदलाव आता है या यह सिर्फ एक राजनीतिक खेल है?