छत्तीसगढ़ की विधानसभा में बुधवार के दिन एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ। भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। यह फैसला राज्य के लाखों किसानों और जमीन मालिकों के लिए बेहद अहम है। इस संशोधन से जमीन से जुड़े विवादों में कमी आने की उम्मीद है और अवैध प्लॉटिंग पर भी प्रभावी रोक लगेगी।
सरल हुआ जमीन संबंधी कामकाज
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधेयक पेश करते हुए बताया कि इससे नक्शों के बंटवारे की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। जमीन मालिक की मृत्यु के बाद नामांतरण की प्रक्रिया भी उनके परिवार के लिए सुगम हो जाएगी। सोचिए, कितनी आसानी से अब लोग अपने जमीन के कागज़ात को सुधार पाएंगे! मेरे एक रिश्तेदार को भी यही समस्या थी, और उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। यह संशोधन उन सभी के लिए राहत की सांस है।
अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ बकाया कर, व्याज और शास्ति निपटान संशोधन विधेयक और जांजगीर-चांपा जिले में नए विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक को भी विधानसभा ने मंज़ूरी दे दी।
मंडी संशोधन विधेयक पर विपक्ष का विरोध
लेकिन, जब मंडी संशोधन विधेयक पेश किया गया तो विपक्षी दल ने इसका विरोध किया और सदन का बहिष्कार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि यह विधेयक केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों जैसा है और किसानों के हितों के खिलाफ है। उनका कहना है कि इससे किसानों का शोषण बढ़ेगा और कृषि क्षेत्र को नुकसान होगा। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर आगे चर्चा होना बेहद ज़रूरी है।
आगे क्या?
अब देखना होगा कि ये नए कानून जमीनी स्तर पर किस तरह से लागू होते हैं और किसानों और जमीन मालिकों को कितना फायदा मिलता है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन संशोधनों से आम लोगों को वास्तविक लाभ मिले और भ्रष्टाचार से बचा जा सके।