
ज्ञानेंद्र तिवारी छत्तीसगढ़ प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के तेज तर्रार रिपोर्टर हैं। उन्होंने अपने संघर्ष पूर्ण जीवन में अनेकों कष्ट झेलते हुए कठिन परिश्रम से इस मुकाम को प्राप्त किया। प्रदेश के हर जिलें, गाँव, नक्सल प्रभावित क्षेत्र हो या देश के राष्ट्रीय मुद्दों पर उन्होंने ने अपने निःस्वार्थ मानसिकता से हमेसा समाज के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया।
ज्ञानेंद्र तिवारी पत्रकारिता के क्षेत्र में अनेकों युवाओं के लिए आदर्श हैं जो पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की इच्छा रखते हैं। उन्होंने पत्रकारिता करते हुए समाज के कष्ट और दुःखों को स्वयं महसूस किया है. राजनेता उनके बेबाक और दमदार सवालों से जिस तरह घबराते हैं इसके विपरीत सामान्य जनता के लिए ज्ञानेंद्र तिवारी मसीहा से कम नहीं हैं।
ज्ञानेंद्र तिवारी ने अपने निर्भीक पत्रकारिता के माध्यम से सत्ता और प्रशासन के गलियारों में होने वाले भ्रष्टाचार का पर्दफ़ाश बड़ी आसानी से किया है। ABP न्यूज के घंटी बजाओ कार्यक्रम देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनके अंदर पत्रकारिता में ईमानदारी का भुत सवार है। आज जब उनके द्वारा कुपोषित बच्चों के संवर्धन और संरक्षण हेतु सम्मान में प्राप्त 50 हजार की राशि कोरिया कलेक्टर को सौपा जा रहा है तो आपको बिलकुल भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए क्योंकि ज्ञानेंद्र तिवारी कुछ ऐसे ही हैं।