छत्तीसगढ़ में एक बड़ी खबर सामने आई है। स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) की फार्मेसी चौथे सेमेस्टर की फार्माकोलॉजी-1 परीक्षा के पेपर के लीक होने से हड़कंप मच गया है। यह परीक्षा 18 अगस्त को होनी थी, लेकिन परीक्षा से महज़ सात दिन पहले ही पेपर लीक होने की खबर सामने आ गई। इस घटना के बाद सीएसवीटीयू ने तुरंत परीक्षा स्थगित करने का फैसला लिया है।
क्या हुआ असल में?
घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है: एमजे कॉलेज ऑफ फार्मेसी, जो परीक्षा केंद्र था, ने 11 अगस्त को ही प्रश्नपत्र का पैकेट खोल दिया! सोचिए, परीक्षा की तारीख तो 18 अगस्त थी, और पैकेट पर बड़े-बड़े अक्षरों में परीक्षा की तारीख और विषय का नाम साफ़-साफ़ लिखा हुआ था। ये लापरवाही किसी भी तरह से समझ से परे है। प्रश्नपत्र के पैकेट को खोलने से पहले तीन लोगों के हस्ताक्षर लेने का नियम है, लेकिन यहाँ तीनों लोगों ने बिना देखे ही हस्ताक्षर कर दिए! इसमें एमजे कॉलेज के प्रोफ़ेसर भी शामिल थे। कितनी बड़ी लापरवाही!
अब क्या होगा?
परीक्षा स्थगित होने के बाद सीएसवीटीयू को नया प्रश्नपत्र तैयार करवाना होगा, जिस पर काफी खर्चा आएगा। पहले से छप चुके सारे प्रश्नपत्र भी अब बेकार हो गए हैं। इसका मतलब है कि दोबारा छपाई, दोबारा वितरण, और दोबारा पूरी प्रक्रिया। सीएसवीटीयू ने साफ़ किया है कि यह सारा खर्च एमजे कॉलेज के प्रबंधन को चुकाना होगा। सीएसवीटीयू एमजे कॉलेज से खर्च की रिकवरी करेगा और भविष्य में परीक्षा केंद्र के रूप में इसे चुनने पर भी विचार किया जा रहा है। अब परीक्षा 22 अगस्त को होगी।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि परीक्षाओं की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। हर छोटी-छोटी बात पर ध्यान देना ज़रूरी है, चाहे वह प्रश्नपत्र की सुरक्षा हो या किसी भी तरह की लापरवाही से बचाव। आशा है कि भविष्य में ऐसी लापरवाहियों से बचा जा सकेगा और छात्रों को परेशानी से बचाया जा सकेगा।