दुर्ग में साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा अभियान (5 से 19 सितंबर) के चौथे दिन, दुर्ग पुलिस ने साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए। यह अभियान पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज, रामगोपाल गर्ग के मार्गदर्शन में चल रहा है, जबकि पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला इस पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं। “रहे जागरूक करे जागरूक” की थीम पर आधारित इस अभियान के अंतर्गत, दुर्ग पुलिस के अधिकारी और जवान विभिन्न स्थानों पर पहुंचे और जनता को ट्रेंडिंग साइबर अपराधों के बारे में जागरूक किया।
पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज की सक्रिय भागीदारी
पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग स्वयं छावनी थाना क्षेत्र स्थित दुर्गा पंडाल पहुंचे और वहां उपस्थित आम जनता को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने साइबर पखवाड़ा अभियान के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और लोगों से सतर्क रहने की अपील की।
चाय पर चर्चा – युवाओं से संवाद
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सुखनंदन राठौर, नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर सत्य प्रकाश तिवारी, और उप पुलिस अधीक्षक यातायात सतीश ठाकुर ने “चाय पर चर्चा” कार्यक्रम के तहत युवाओं से सीधा संवाद किया। उन्होंने ट्रेंडिंग साइबर अपराधों जैसे सेक्सटॉर्शन और शेयर मार्केट ट्रेडिंग फ्रॉड के बारे में जानकारी दी और 300 से अधिक युवाओं को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया।
सिविक सेंटर में व्यापारियों की जागरूकता
सिविक सेंटर के व्यापारी वर्ग को उप निरीक्षक डॉ. संकल्प राय और साइबर प्रहरी टीम के द्वारा जागरूक किया गया। टीम ने व्यापारी वर्ग के समस्त कर्मचारियों को नए साइबर अपराधों से बचने के उपाय बताए और उन्हें साइबर प्रहरी के व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा। इस पहल को व्यापारियों द्वारा काफी सराहा गया।
थाना/चौकी स्तर पर जागरूकता अभियान
दुर्ग जिले के विभिन्न थाना और चौकी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में जनता को जागरूक करने के लिए सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। सार्वजनिक स्थलों, चौक-चौराहों और व्यावसायिक संस्थानों, दुर्गा के पंडाल, गरबा स्थलों में जाकर साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पॉम्पलेट और बैनर-पोस्टरों का वितरण किया गया।
यह अभियान न केवल साइबर अपराधों के प्रति लोगों को सचेत कर रहा है, बल्कि समाज में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। दुर्ग पुलिस का यह प्रयास समाज को सुरक्षित रखने और साइबर अपराधों से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।