धान खरीदी केंद्र का दौरा: किसानों की समस्याओं का समाधान और आयुष्मान कार्ड पर जोर
धान खरीदी केंद्र का दौरा: किसानों की समस्याओं का समाधान और आयुष्मान कार्ड पर जोर

धान खरीदी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और बेमेतरा में किसानों की खुशहाली और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, सचिव, सहकारिता विभाग, गृह एवं जेल तथा ज़िला प्रभारी सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण दौरा किया। उन्होंने धान उपार्जन केंद्र लोलेसरा का दौरा किया और वहां धान खरीदी के लिए की गई तैयारियों का जायज़ा लिया।

डॉ. प्रसन्ना ने वहां धान खरीदी की प्रक्रियाओं को गौर से देखा, खासकर बायोमेट्रिक सिस्टम और कम्प्यूटर आधारित प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया। उन्होंने कुछ ज़रूरी निर्देश भी दिए, जिसमें किसानों को किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए छाव, पेयजल, और समय पर भुगतान जैसे सुविधाओं का होना ज़रूरी बताया।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत टेकचन्द्र अग्रवाल, ज़िला खाद्य अधिकारी गणेश कुर्रे, उप रजीस्टार(डीआरसीएस) बसंत कुमार, उपेन्द्र कुमार और अन्य अधिकारी भी इस दौरे के दौरान मौजूद थे। डॉ. प्रसन्ना ने केंद्र में मौजूद किसानों से भी बातचीत की, उनकी कुशलक्षेम पूछी, और फसल के बारे में जानकारी ली।

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पिछले साल बेची धान और मिले बकाया बोनस के बारे में भी किसानों से बात की गई। किसानों ने बताया कि पिछले साल धान का भुगतान समय पर मिला और बकाया बोनस की राशि भी बैंक खाते में आ गई थी। यह सुनकर डॉ. प्रसन्ना बहुत खुश हुए।

इसके बाद डॉ. प्रसन्ना ज़िला अस्पताल गए, जहां उन्होंने हितग्राहियों के लिए आयुष्मान कार्ड बनने की प्रक्रिया की जानकारी ली। उन्होंने मुख्य ज़िला एवं स्वास्थ्य अधिकारी को शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ज़रूरत के हिसाब से शिविर लगाने का निर्देश दिया।

आयुष्मान कार्ड के बाद डॉ. प्रसन्ना कृषि विज्ञान केंद्र पहुँचे। वहां उन्होंने पाली हाउस या हाईटेक नर्सरी में सब्ज़ी के पौधों का अवलोकन किया और किसानों से उनकी फसल की बिक्री और अन्य जानकारी ली।

उन्होंने किसानों को धान के अलावा अन्य व्यावसायिक फसलों के लिए प्रेरित करने और जरूरत पड़ने पर प्रशिक्षण देने का आह्वान किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. तोषण कुमार ठाकुर ने पाली हाउस या हाईटेक नर्सरी की स्थापना और सब्जियों की नर्सरी पौध सामग्री के उत्पादन के बारे में बताया।

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उन्होंने यह भी बताया कि बेमेतरा जिले में वर्षभर विभिन्न सब्जी वर्गीय फसलों की खेती 19 हजार से अधिक रकबें में की जाती है। और जो कृषक कृषि भूमि हीन हैं, वे अपने घर के कमरे में मशरूम उत्पादन कर अतिरिक्त आय भी कमा रहे हैं।

डॉ. प्रसन्ना का यह दौरा किसानों की खुशहाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है और उनके दिशा निर्देश बेमेतरा जिले के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।