दुर्ग पुलिस का साइबर जागरूकता अभियान: साइबर ठगी से बचने के लिए अनोखा तरीका!
दुर्ग पुलिस का साइबर जागरूकता अभियान: साइबर ठगी से बचने के लिए अनोखा तरीका!

आज के डिजिटल युग में, साइबर अपराध एक बढ़ती हुई समस्या बनते जा रहे हैं। दुर्ग पुलिस इस खतरे से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय के निर्देशन में, पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज, रामगोपाल गर्ग के मार्गदर्शन और पुलिस अधीक्षक दुर्ग, जितेन्द्र शुक्ला के पर्यवेक्षण में, राज्यव्यापी साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा अभियान के तहत दुर्ग पुलिस ने लोगों को साइबर अपराधों से बचाव के लिए अनोखे तरीके अपनाए हैं।

दुर्ग में साइबर जागरूकता अभियान: एक नई पहल

दुर्ग पुलिस ने लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए कई अभिनव पहल की हैं। सिविक सेंटर दुर्ग में, एसबीआई बैंक के ग्राहकों को साइबर अपराधों से बचने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए। आईटीआई कॉलेज खुर्सीपार, ग्राम पतोरा उतई, वैशाली नगर क्षेत्र, अम्रपाली रेजिडेंसी जामुल, और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

दुर्ग पुलिस ने सिविक सेंटर में एक अनोखा डेमो प्रदर्शनी लगाया, जिसमें श्रद्धालुओं को साइबर ठगी से संबंधित जानकारी दी गई। एएसपी सुखनंदन राठौर, डीएसपी सतीश ठाकुर और सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी ने लोगों को ठगी से बचने के लिए जागरूक किया।

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साइबर ठगी से बचाव: डेमो के ज़रिए समझाया गया

सिविक सेंटर दुर्गा जी पंडाल में लगाए गए डेमो के माध्यम से, पुलिस ने लोगों को समझाया कि साइबर ठग कैसे नए-नए तकनीकी तरीकों से लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। एक मछुआरे की तरह, साइबर ठग भी अपने शिकार को फंसाने के लिए नए-नए जाल बिछाते हैं। दुर्ग पुलिस ने सिविक सेंटर हेलीपैड ग्राउंड दुर्गा पंडाल में आने वाले श्रद्धालुओं को साइबर ठगी से बचाने के लिए पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई।

सतर्क रहें, जागरूक रहें

एएसपी सुखनंदन राठौर ने लोगों को सतर्क रहने और साइबर अपराधों से बचने के लिए साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 का उपयोग करने की सलाह दी। सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने लोगों को वॉट्सएप या ई-मेल पर आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर बैंक संबंधी जानकारी साझा न करने की चेतावनी दी। डीएसपी सतीश ठाकुर ने कहा कि किसी भी लोभ या लालच में आकर कोई भी जानकारी साझा न करें। उन्होंने लोगों से साइबर प्रहरी सोशल मीडिया में जुड़ने की अपील भी की।

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दुर्ग पुलिस के इस प्रयास से लोगों में साइबर अपराधों के प्रति सतर्कता और जागरूकता बढ़ेगी। इससे साइबर ठगी से बचाव का एक सशक्त माध्यम बनने में मदद मिलेगी।