छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में गौवंश तस्करी के खिलाफ़ चलाए जा रहे ऑपरेशन शंखनाद ने एक बार फिर सफलता पाई है। दुलदुला थाना और मनोरा चौकी क्षेत्र में दो अलग-अलग कार्रवाइयों में पुलिस ने कुल आठ गौवंशों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। इसके साथ ही, राम महतो नामक एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है।
दुलदुला थाना क्षेत्र में कार्रवाई
पुलिस को सूचना मिली थी कि दुलदुला क्षेत्र में रात के अंधेरे में कुछ लोग गौवंशों की तस्करी कर रहे हैं। तुरंत कार्रवाई करते हुए, थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने गश्त के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति को रोका, जो भागने की कोशिश कर रहा था। तलाशी में चार गौवंश बरामद हुए जो कसाईखाने ले जाने की तैयारी में थे। पूछताछ में व्यक्ति ने अपना नाम राम महतो बताया। उसके खिलाफ़ पशु क्रूरता अधिनियम और छत्तीसगढ़ गौवंश संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह घटना याद दिलाती है कि कैसे एक साधारण सूचना से बड़ी सफलता मिल सकती है। आप भी अगर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि देखते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
मनोरा चौकी क्षेत्र में कार्रवाई
इसी तरह, मनोरा चौकी को भी सूचना मिली कि कुछ तस्कर जंगल के रास्ते गौवंशों को ले जा रहे हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार और गौवंशों को बरामद किया। हालांकि, तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले, लेकिन पुलिस उनकी पहचान कर चुकी है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी हुई है। यह दिखाता है कि कितनी तेज़ी और सूझबूझ से काम करके पुलिस अपराधियों को पकड़ सकती है।
ऑपरेशन शंखनाद का प्रभाव
ऑपरेशन शंखनाद ने जशपुर में पशु तस्करी पर लगाम कसने में अहम भूमिका निभाई है। पुलिस ने गश्त और खुफिया तंत्र को और मजबूत किया है। इस अभियान से अब तक कई गौवंश मुक्त कराए गए हैं और तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। यह एक सामाजिक संदेश भी देता है कि हम सबको मिलकर पशु कल्याण के लिए काम करना होगा।
पुलिस अधीक्षक का बयान
पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि गौवंश तस्करी करने वालों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। हर सूचना पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अब फरार तस्करों की तलाश में जुटी है और पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की कोशिश में लगी हुई है। यह दिखाता है कि पुलिस कितनी दृढ़ता से अपराधियों के खिलाफ़ लड़ रही है।