Khadya Food
Khadya Food

Food Civil Supplies and Consumer Protection Department

The primary responsibility of the Food Civil Supplies and Consumer Protection Department is to ensure food security to the poor and needy citizens of the state through the public distribution system, while ensuring the support price to the farmers by acquiring paddy and maize at the support price in the state. It is also the responsibility of the Conservation and Promotion of Consumer Rights of the citizens of the state along with the value monitoring of essential commodities.Ensure food and nutrition security for the citizens of the state.

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का प्राथमिक उत्तरदायित्व राज्य में समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का का उपार्जन कर किसानों को समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के साथ-साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है | आवश्यक वस्तुओं की मूल्य निगरानी के साथ-साथ प्रदेश के नागरिकों के उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्द्धन का दायित्व भी विभाग का है |

मिशन

1. भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का किसानों से खरीदी, भंडारण एवं निराकरण करना |
2. खाद्यान्नों के बफर स्टॉक के रखरखाव सहित समुचित नीतिगत साधनों के माध्यम से खाद्यान्नों और चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
3. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से, विशेष रूप से समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को राज्य शासन द्वारा नियत मूल्यों पर खाद्यान्न – (आयोडीन युक्त नमक, चना, शक्कर) उपलब्ध करना ।

उद्देश्य

1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 एवं छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 का कार्यान्वयन
2. धान और मक्का की कार्यकुशल खरीद के माध्यम से मूल्य समर्थन प्रचालन करना।
3. लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाना।
4. वेयरहाऊसिंग क्षेत्र का विकास।
5. सार्वजनिक सेवा प्रणाली में सुधार करना।
6. उपभोक्ता अधिकारों का संरक्षण एवं संवर्धन करना |

Photos

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग

योजनाएं

क्रमांकयोजना का नामयोजना की जानकारी
1विकेन्द्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना :-राज्य में विकेन्द्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना अपै्रल 2002 से लागू है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में किसानों से धान उपार्जन हेतु राज्य शासन की अधिकृत एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ तथा चावल उपार्जन हेतु अधिकृत एजेंसी छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन है। वर्तमान खरीफ वर्ष 2017-18 में प्रदेश के 12.06 लाख किसानों से 56.88 लाख टन धान की खरीदी की गई है | खरीफ वर्ष 2018-19 में 1 नवंबर 2019 तक 1995 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी की जावेगी | ।
2मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना :-इस योजना के जरिए 7.49 लाख राज्य अन्त्योदय परिवारों को 1 रूपये प्रतिकिलो की दर पर प्रतिमाह 35 किलो चावल, 55,449 निराश्रित राशनकार्डधारियों को प्रतिमाह 10 किलो निःशुल्क चावल तथा 10,632 निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को नि:शुल्क 10 किलो चावल प्रदाय किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रचलित 42.60 लाख प्राथमिकता वाले राशनकार्ड पर प्रतिसदस्य 2 किलो अतिरिक्त चावल के अलावा भारत सरकार द्वारा चावल की निर्धारित प्रदाय दर (3 रूपये प्रतिकिलो) तथा राशनकार्डधारियों हेतु निर्धारित उपभोक्ता दर (1 रूपये प्रतिकिलो) के अंतर की राशि का भुगतान भी इस योजना के जरिए किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में इस योजना के क्रियान्वयन हेतु 2,770 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। ।
3अन्त्योदय अन्न योजना :-अति गरीब परिवारों के लिये यह योजना राज्य में मार्च, 2001 से लागू की गई है । इस योजना के अंतर्गत अति गरीब परिवारों को रूपए 1.00 प्रति किलो की दर से 35 किलो चावल प्रति परिवार, प्रतिमाह प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में योजनांतर्गत 14.64 लाख राशनकार्ड प्रचलित है, जिसमें भारत सरकार द्वारा स्वीकृत अन्त्योदय परिवारों की संख्या 7.19 लाख तथा राज्य अन्त्योदय परिवारों की संख्या 7.49 लाख है।
4अन्नपूर्णा योजना :-65 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे वृद्ध जिन्हें वृद्धावस्था पेंशन या सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त नहीं हो रही है को 10 किलो निःशुल्क चावल प्रदाय की भारत सरकार की यह योजना राज्य में अक्टूबर, 2001 से लागू की गई है । छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के तहत अन्नपूर्णा योजना के राशनकार्डधारियों को स्पेशल अन्त्योदय राशनकार्ड जारी किया गया है । स्पेशल अन्त्योदय राशनकार्ड में हितग्राहियों को प्रतिमाह 10 किलो चावल निःशुल्क तथा 25 किलो चावल 1 रूपए प्रति किलो की दर से प्राप्त करने की पात्रता है । प्रदेश में इस योजना से लाभान्वित होने वाले हितग्राही कार्डधारियों की संख्या 7,277 है ।
5कल्याणकारी संस्थाओं को खाद्यान्न प्रदाय :-इस योजना के अंतर्गत राज्य के कल्याणकारी संस्थाओं मे निवासरत हितग्राहियों को बी.पी.एल दर पर 15 किलो खाद्यान्न प्रतिमाह की पात्रता है । भारत सरकार की पूर्वानुमति से इस योजना के अंतर्गत प्राप्त आबंटन से अन्नपूर्णा दालभात केन्द्रों को राज्य शासन द्वारा रियायती दर 02 रुपए प्रतिकिलो पर चावल उपलब्ध कराया जा रहा है ।
6प्रधानमंत्री उज्जवला योजना :-महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान की यह योजना 13 अगस्त 2016 से राज्य में लागू की गई है। राज्य शासन की आर्थिक सहायता के जरिए योजना के हितग्राहियों को मात्र 200 रूपये के अंशदान पर निःशुल्क गैस कनेक्शन, डबल बर्नर गैस चूल्हा और प्रथम रिफिल प्रदाय किया जा रहा है। राज्य मंे इस योजना के अंतर्गत 2 वर्षों में 25 लाख पात्र परिवारों को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में लक्ष्य अनुसार 10 लाख गैस कनेक्शन बीपीएल महिलाओं को जारी किया गया है तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 में 9.34 लाख बीपीएल महिलाओं को गैस कनेक्शन जारी किया गया है | वर्ष 2018-19 में 15.19 लाख बीपीएल महिलाओं को गैस कनेक्शन जारी किये जाने का लक्ष्य है ,जिसके विरुद्ध माह अक्टूबर 2018 तक 6.52 लाख गैस कनेक्शन जारी किये गये है | योजना के अंतर्गत अब तक कुल 25.87 लाख बीपीएल महिलाओं को गैस कनेक्शन जारी किया गया है |
7रिफाईन्ड आयोडाईज्ड अमृत नमक वितरण योजना :-इस योजना में राज्य के अन्त्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को अनुसूचित क्षेत्र में निःशुल्क प्रतिमाह 02 किलो एवं गैर अनुसूचित क्षेत्र में निःशुल्क प्रतिमाह 1 किलो रिफाईन्ड आयोडाईज्ड नमक प्रदाय किया जा रहा है। इस योजना हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 100 करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है ।
8चना वितरण योजना :-जनवरी 2013 से राज्य के सभी अनुसूचित विकासखण्डों के समस्त अन्त्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के राशनकार्डधारियों को प्रतिमाह 2 किलो चना 5 रूपए प्रति किलो के मान से प्रदाय किया जा रहा है । इस योजना हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 450 करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है ।
9अन्नपूर्णा दाल-भात योजना :-गरीब एवं जरूरतमन्द व्यक्तियों को अत्यन्त कम मूल्य अर्थात पांच रूपये की दर से भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अन्नपूर्णा दाल भात योजना वर्ष 2004 से राज्य में संचालित है। वर्तमान में राज्य में 128 अन्नपूर्णा दालभात केन्द्र संचालित हैं । राज्य शासन द्वारा दालभात केन्द्रों को प्रोत्साहन स्वरूप निःशुल्क गैस चूल्हे एवं प्रेशर कुकर उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है । इसके अतिरिक्त दालभात केन्द्रों को 2 रुपए प्रतिकिलो की दर से चावल, 5 रुपए प्रतिकिलो की दर से चना तथा निःशुल्क अमृत नमक प्रदाय किया जा रहा है। दालभात योजना से प्रतिदिन 15 से 20 हजार जरूरतमंद हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं ।
10पहुंचविहीन क्षेत्रों में राशन सामग्री का अग्रिम भंडारण :-प्रदेश के ऐसे स्थानों, जहां वर्षा ऋतु के दौरान आवागमन मार्ग अवरूद्ध हो जाते हैं वहां खाद्यान्न, शक्कर, अमृत नमक तथा केरोसिन उपभोक्ताओं को सुलभ उपलब्ध कराने की दृष्टि से वर्षा ऋतु के पूर्व अग्रिम भण्डारण किया जाता हैं। शासन द्वारा उचित मूल्य दुकान संचालनकर्ता एजेंसी को ऐसे क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएं चार माह के लिए संग्रहित करने हेतु बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।  वर्ष 2018-19 में 234 पहुँचविहीन केन्द्रों में राशन सामग्री के अग्रिम भंडारण हेतु नागरिक आपूर्ति निगम को 2.50 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी गयी |
11उचित मूल्य दुकान कम्प्यूटरीकरण :-भारत शासन के लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के पूर्ण कम्प्यूटरीकरण योजना के अंतर्गत राज्य में पीडीएस के समस्त क्रियाकलापों का पूर्ण कम्प्यूटरीकरण किया जाना है। राज्य में पीडीएस के अंतिम चरण उचित मूल्य दुकानों का कम्प्यूटरीकरण मार्च, 2012 से कोरपीडीएस के माध्यम से प्रारंभ किया गया। कोरपीडीएस के साथ-साथ अगस्त, 2015 से राज्य में उचित मूल्य दुकानों का कम्प्यूटरीकरण एंड्रायड आधारित टेबलेट के माध्यम से किया जा रहा है। वर्तमान में 11,951 उचित मूल्य दुकान एंड्रायड आधारित टेबलेट के माध्यम से कम्प्यूटरीकृत है।