download (3), नारायणपुर जिला जल्द ही कुपोषण मुक्त होगा, प्रशासन का दावा दस महीने में कुपोषण दर में आयी कमी
download (3), नारायणपुर जिला जल्द ही कुपोषण मुक्त होगा, प्रशासन का दावा दस महीने में कुपोषण दर में आयी कमी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लिया शपथ

छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश को जल्द ही कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रयासरत है. शासन और प्रशासन स्तर पर कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभ्यान के द्वारा हर जिला केंद्र और गांवों के हाट – बजार में, स्चूलों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही पोषक आहार में सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री सार्वभौम पीडीएस और मध्यान्ह भोजन योजना जैसी पांच योजना अभी हाल ही में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर शुरू की है. नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर में इन योजनाओं पर तुरंत अमल शुरू कर दिया है. जिले में कुल 560 आंगनबाड़ी केन्द्र है, जिनमें कुल 13141 बच्चें है. मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या 3063 है. वही गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 1102 है. स्कूलों में मध्यान्ह भोजन एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में अब बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ सप्ताह में दो बार मंगलवार और शुक्रवार को अंडा-चिक्की दिया जा रहा है। वहीं 15 वर्ष से 49 वर्ष की चिन्हांकित एनीमिया पीड़ित महिलाओं को भी पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है, और नियमित रूप से निगरानी की जा रही है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

नारायणपुर में छात्र – छात्राओं को मिल रहा संतुलित आहार

महिला विकास विभाग नारायणपुर से मिली जानकारी अनुसार 15 वर्ष से 49 वर्ष आयु वर्ग की एनीमिया से पीड़ित 1680 महिलाएं चिन्हांकित की गई है। इसी प्रकार एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की संख्या 279, शिशुवती माताएं 1214, एनीमिया से पीड़ित 210 शिशुवती माताएं, 06 माह से 3 वर्ष तक कुपोषित बच्चें 2475, छह माह से 3 वर्ष तक के एनीमिया से पीड़ित बच्चें 180 चिन्हांकित है. इसी प्रकार 3 वर्ष से 06 वर्ष तक कुपोषित बच्चें 1332, और 3 वर्ष से 6 वर्ष तक एनीमिया से पड़ित बच्चें 98, है. कुपोषित गर्भवती महिलाएं 1604 है. इस प्रकार कुल 9072 प्रभावित हितग्राहियों को चिन्हांकित किया गया है. इनमें से प्रारंभ में 4081 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री सुुपोषण अभियान हेतु आवश्यक राशि जिला खनिज न्यास एवं बस्तर विकास प्राधिकरण मद से की गई है. प्रारंभ में रूपए 17,74,500 की राशि महिला बाल विकास को उपलब्ध करा दी गई है. इस राशि से प्रभावित कुपोषित हितग्राहियों -बच्चों को अण्डा-चिक्की दी जा रही है.

जिले में निकट समय में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. पिछले 10 माह में बच्चों के कुपोषण में तेजी के साथ कमी आयी है. ज्यादा नहीं पिछले पांच वर्ष के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2014 में जहां जिले में 47.23 प्रतिशत कुपोषण था. वहीं यह अक्टूबर अंत 2019 में घटकर 31.69 प्रतिशत हो चुका है. पिछले लगभग 10 माह में कुपोषण में लगभग 2 प्रतिशत की कमी देखी गई है. जिले में नयी सरकार गठन के बाद बच्चों के सुपोषण में इजाफा हुआ. नारायणपुर जिले में कुल 560 आंगनबाड़ी केन्द्र है। जिनमें कुल 13140 बच्चे पंजीकृत है.

इनमें से ओरछा ब्लाक में 181 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है. जो राज्य सरकार की अनुदान प्राप्त संस्था रामकृष्ण मिशन नारायणपुर संचालित की जाती है. नारायणपुर जिले में महिला बाल विकास की चार परियोजनाएं चल रही है. इनमें नारायणपुर, बेनूर, छोटेडोंगर परियोजना में लगातार मानिटरिंग के जरिए गंभीर कुपोषण में कमी आयी है. पिछले वर्ष के मुकाबले सामान्य और गंभीर कुपोषण की दर में गिरावट आयी है.

नारायणपुर और ओरछा विकासखण्ड में विभिन्न कार्यक्रमों और स्थानीय कला जत्था के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर कुपोषण दूर करने प्रयासरत है और इसमें लगातार सफलता भी मिल रही है. नारायणपुर जिले के 379 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 53 स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बच्चों को गरम भोजन परोसा जाता है. वही 18 सहायता समूह द्वारा गुणवत्तापूर्ण रेडी-टू-ईट की व्यवस्था की जाती है. इसमें निर्माण की तिथि अंकित होती है. इससे खराब होने से पहले ही इसका उपयोग कर लिया जाता है. ओरछा विकासखंड में 181 आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन राज्य सरकार की अनुदान प्राप्त संस्था रामकृष्ण मिशन नारायणपुर संचालित की जाती है.

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