रायपुर | छत्तीसगढ़ के लिए यह गर्व का क्षण है। आगामी 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समृद्धि की झलक पूरी दुनिया देखेगी। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने इस साल की परेड के लिए छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन कर लिया है।
इस वर्ष की झांकी का मुख्य आकर्षण ‘देश का पहला जनजातीय डिजिटल संग्रहालय’ होगा, जो नवा रायपुर में स्थित है। यह झांकी न केवल कलाकारी का नमूना होगी, बल्कि आदिवासियों के शौर्य और बलिदान की गाथा भी कहेगी।
💡 झांकी की मुख्य विशेषताएं: क्या होगा खास?
छत्तीसगढ़ की इस झांकी को बेहद सावधानी और शोध के बाद तैयार किया गया है। इसके प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- थीम (Theme): झांकी भारत सरकार द्वारा निर्धारित थीम ‘स्वतंत्रता का मंत्र – वंदे मातरम्’ पर आधारित है।
- डिजिटल संग्रहालय की झलक: झांकी में नवा रायपुर स्थित उस डिजिटल संग्रहालय को दर्शाया गया है, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की रजत जयंती पर किया था।
- वीर नायकों का सम्मान: इसमें उन आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को दिखाया जाएगा जिन्होंने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
- परंपरा और तकनीक का संगम: यह झांकी दिखाएगी कि कैसे छत्तीसगढ़ अपनी प्राचीन जनजातीय परंपराओं को आधुनिक तकनीक (डिजिटल माध्यम) के जरिए नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है।
🏆 17 राज्यों में मिली जगह: कठिन चयन प्रक्रिया का सफर
छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन कोई आसान प्रक्रिया नहीं थी। जनसंपर्क विभाग के सचिव रोहित यादव और आयुक्त रवि मित्तल के मार्गदर्शन में इसे तैयार किया गया:
- चार महीने की चयन प्रक्रिया: रक्षा मंत्रालय की समिति ने विभिन्न चरणों में राज्यों के प्रस्तावों की समीक्षा की।
- कड़ा मुकाबला: देश के सभी राज्यों ने अपने प्रस्ताव भेजे थे, जिनमें से कड़ी छंटनी के बाद केवल 17 राज्यों को अंतिम सूची में स्थान मिला।
- 5 चरणों की स्क्रीनिंग: झांकी के डिजाइन, उसकी प्रासंगिकता, थ्रीडी मॉडल और अंत में उसके संगीत (Music) को बारीकी से परखने के बाद अंतिम मंजूरी दी गई।
🗣️ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई
झांकी के चयन पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा:
“यह हमारे राज्य के लिए अत्यंत गर्व और उत्साह का विषय है। इस झांकी के माध्यम से पूरा देश हमारे आदिवासी समाज की देशभक्ति, अद्भुत वीरता और उनके सिद्धांतों के प्रति समर्पण को देख सकेगा। यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता को राष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दिलाएगा।”
🔍 क्यों खास है नवा रायपुर का डिजिटल संग्रहालय?
यह संग्रहालय केवल एक इमारत नहीं, बल्कि जनजातीय विद्रोहों की वीरता और एकजुटता का जीवंत प्रमाण है। डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके यहां आदिवासियों के स्वतंत्रता संग्राम को रोचक और प्रेरणादायक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। गणतंत्र दिवस की झांकी इसी प्रेरणा को दिल्ली के राजपथ (कर्तव्य पथ) पर जीवंत करेगी।
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