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सूरजपुर में बाघ का शिकार: रक्षक ही बना भक्षक, महिला सरपंच और पति समेत 7 गिरफ्तार
सूरजपुर में बाघ का शिकार: रक्षक ही बना भक्षक, महिला सरपंच और पति समेत 7 गिरफ्तार

सूरजपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से वन्यजीव प्रेमियों को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। यहाँ के घुई वन परिक्षेत्र के भैसामुडा गांव में एक बाघ का शिकार किया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस अपराध में गांव की महिला सरपंच और उनके पति मुख्य आरोपी के रूप में सामने आए हैं।

🔍 मामले का खुलासा: कैसे पकड़े गए आरोपी?

यह पूरा मामला 15 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब भैसामुडा के जंगलों में एक बाघ का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ। बाघ के शरीर के कई अंग गायब थे, जिससे शिकार की पुष्टि हुई।

वन विभाग ने जांच के लिए स्निफर डॉग (खोजी कुत्ते) की मदद ली। खोजी कुत्ता सीधे भैसामुडा की सरपंच सिस्का कुजूर के घर जाकर रुका। जब विभाग ने वहां तलाशी ली, तो होश उड़ गए। सरपंच के घर से बाघ के नाखून, बाल और मांस के टुकड़े बरामद हुए।

🛠️ शिकार का तरीका: बिछाया गया था मौत का जाल

जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपियों ने बाघ को मारने के लिए बिजली के तारों (GI wires) का जाल बिछाया था। जंगली जानवरों के अवैध शिकार के लिए अक्सर ग्रामीण इलाकों में इस खतरनाक तरीके का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे जानवर को संभलने का मौका नहीं मिलता।

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📋 गिरफ्तार किए गए आरोपियों की सूची

वन विभाग ने इस मामले में कुल 7 लोगों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है:

आरोपी का नामस्थानभूमिका/पहचान
सिस्का कुजूरभैसामुडामहिला सरपंच (मुख्य आरोपी)
दिनेश कुजूरभैसामुडासरपंच का पति
ईश्वर कुजूरभैसामुडासह-आरोपी
अभिषेक रोशन बाड़ाभैसामुडासह-आरोपी
मिथलेश सिंहकैलाशपुरसह-आरोपी
रामनाथ सिंहकैलाशपुरसह-आरोपी
भोला प्रसादबरतीकलासह-आरोपी

📦 क्या-क्या हुआ बरामद?

आरोपियों के पास से न केवल बाघ के अंग बल्कि शिकार में इस्तेमाल होने वाले औजार भी मिले हैं:

  • बाघ के दांत, नाखून और बालों के गुच्छे।
  • बिजली के तार और GI वायर (जाल बिछाने के लिए)।
  • लकड़ी के खूंटे और रस्सी का फंदा।

⚖️ आगे की कार्रवाई

वन अधिकारियों के अनुसार, सभी सात आरोपियों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने उन्हें 30 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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36khabar विशेष विश्लेषण: क्यों है यह चिंताजनक?

जब गांव का नेतृत्व (सरपंच) ही वन्यजीवों के संरक्षण के बजाय उनके शिकार में शामिल हो जाए, तो जंगलों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। बाघ जैसे राष्ट्रीय पशु का शिकार न केवल एक अपराध है, बल्कि यह हमारे पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के लिए एक बड़ा खतरा है।

नोट: छत्तीसगढ़ में बाघों की घटती संख्या के बीच इस तरह की घटनाएं प्रशासन और वन विभाग की सतर्कता पर भी सवाल उठाती हैं।

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