मत्स्य पालक बरम्हा प्रसाद की आत्मनिर्भरता का साधन बना मत्स्य व्यवसाय
मत्स्य पालक बरम्हा प्रसाद की आत्मनिर्भरता का साधन बना मत्स्य व्यवसाय

कोरिया । राज्य शासन द्वारा मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिए जाने से प्रदेश की जनता के उन्नति के मार्ग प्रशस्त हुए हैं। जिले में मत्स्यपालन की ओर रुझान बढ़ रहा है। शासन की मदद से उन्हें प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है। इसका उदाहरण जिले के सोनहत विकासखण्ड के ग्राम अमहर के ओम शिव मछुआ सहकारी समिति के सदस्य हैं। समिति के सदस्यो द्वारा घुनघुट्टा सिंचाई जलाशय के 123.275 हेक्टेयर क्षेत्र में मत्स्य पालन एवं मत्स्याखेट किया जा रहा है जिससे समिति के प्रत्येक सदस्य को निश्चित आमदनी का साधन मिला है।  
समिति के सदस्य श्री बरम्हा प्रसाद बताते हैं कि शासकीय योजनाओं से लाभ लेते हुए समिति के द्वारा मत्स्य पालन एवं मत्स्याखेट का कार्य वर्ष 2019 से किया जा रहा है। समिति में कुल 31 सदस्य हैं, सभी सदस्यों को मत्स्य विभाग द्वारा आयोजित मछुआ प्रशिक्षण में मछली पालन से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई है। वे बताते हैं कि समिति के सदस्यों द्वारा इस वर्ष 20 लाख मत्स्य बीज स्पान का संचयन मत्स्य विभाग से प्राप्त कर किया गया। इसके साथ ही विभाग द्वारा जाल, आइस बॉक्स और सिफेक्स से उपलब्ध कराये गये हैं। जिससे साथी मत्स्य पालकों को इस कार्य में बहुत मदद मिली है।

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श्री प्रसाद ने आगे बताते हैं कि मत्स्य विभाग के अंतर्गत शासकीय योजनाओं की मदद और मार्गदर्शन से मछली पालन के काम में लाभ मिल रहा है, जिससे समिति के प्रत्येक सदस्य को लगभग 4 हजार तक की मासिक आय हो रही है। जिससे वे अपनी और अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर पा रहे है।  विगत तीन वर्षाे में राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से मछली व्यावसायियों के चेहरे पर उत्साह और खुशी की लहर दिख रही है। सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने से किसानों का आत्मविश्वास बढ़ा है। मछली पालन के क्षेत्र में भी युवा रूचि ले रहे हैं। योजनाओं के माध्यम से निःशुल्क डबरी खनन, जाल नेट, आईस बॉक्स मिलने से मछली व्यवसायियों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

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