बलरामपुर। पॉस मशीन, लैपटॉप व बायोमेट्रिक को साथ लेकर चल रही बैंक सखियां, बदलते तकनीकी दौर के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। इन्हें चलते-फिरते छोटे बैंक की संज्ञा दी गई है तथा बैंक सखियों ने अपने काम से ही यह पहचान बनाई है।
वृद्ध, दिव्यांग, महिला, विधवा सहित दूरस्थ अंचलों में रहने वाले ग्रामीणजनों के लिए ये बैंक सखियां किसी उम्मीद से कम नहीं है। उन्होंने अपने काम से भरोसे की मिसाल पेश की है जिससे बड़ी आबादी लाभान्वित हो रही है। वित्तीय समावेशन के वास्तविक लक्ष्य को पूरा करते हुए ये लोगों को उनके हक के पैसा पहुंचा रही है। शासन-प्रशासन की मंशा है कि जरूरतमंद लोगों तक पहुंच बनाई जाये और उनके जीवन को आसान बनाने का हर एक काम प्राथमिकता के साथ करना प्रशासन की जिम्मेदारी भी है।
जिले में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार से जनमानस सीधा लाभान्वित हो रहा है तथा वित्तीय समावेशन के माध्यम से लोगों को बैंक से जोड़कर विभिन्न योजनाओं की राशि सीधे हितग्राही के खाते में हस्तांतरित करना आसान हुआ है। जिले में शासन द्वारा प्रदाय किये जाने वाले 06 प्रकार पेंशन का भुगतान सीधे हितग्राही के खाते में भेजा जा रहा है। जिले में भौगोलिक रूप से कई दूरूह और दुर्गम इलाके हैं, जहां बैंकिंग सुविधाओं का लाभ लेने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
ऐसे में ये बैंक सखियां घर-घर पहुंचकर लोगों को उनके खाते से पैसा आहरित करके देती हैं। जरूरी तकनीकी संसाधन के साथ ये बैंक सखियां उन पेंशनधारी हितग्राहियों के घर पहुंचती है तथा उनसे बायोमेट्रिक और अन्य जरूरी जानकारियां लेकर उनके खाते से पैसे निकाल कर देती हैं। जिले में कुल 71 हजार 230 पेंशन धारक हैं तथा 53 हजार 326 लोगों को पेंशन सीधे उनके खाते में भेजी जा रही है। वहीं 17 हजार 904 पेंशन धारियों को ग्राम पंचायत के माध्यम से नकद भुगतान किया जा रहा है। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार वित्तीय समावेशन को महत्वपूर्ण मानते हुए उक्त 17 हजार 904 पेंशनधारकों को भी बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।
जिसके लिए जरूरी दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है जिसे शिविर के माध्यम से प्राथमिकता के साथ बनाया भी गया है तथा शीघ्र ही शेष लोगों को बैंकिंग सेवा से जोड़ा जायेगा। जिले में 115 पे प्वाइंट, 49 कियोस्क तथा 10 माइक्रो एटीएम के माध्यम से बैंक सखियां कार्य कर रही हैं।
बैंक सखियां लोगों को वित्तीय रूप से जागरूक भी कर रही हैं ताकि वे बैंक से जुड़ी गोपनीय जानकारियां अनजान व्यक्ति से साझाा न करें। प्रशासन ने क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रख महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया ही है साथ ही जरूरतमंद लोगों को पेंशन उनके घर तक पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध करवाई है। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार की पहल पर घर पहुंच पेंशन सेवा के माध्यम से बैंक सखी द्वारा जरूरतमंदों को घर में ही पैसे उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा इसकी सतत् निगरानी भी की जा रही है ताकि बैंक से प्राधिकृत बैंक सखियां ही यह सुविधा दें।
दूरदराज के ग्रामीणों को तथा वृद्धजनों को इससे काफी आसानी हुई है, पैसे की जरूरत होने पर लंबी दूरी तय कर बैंक जाना पड़ता था, ऐसे में जब बैंक उनके दरवाजे पर पहुंच गया है तो उन्हें काफी राहत मिल रही है। घर पर पैसे मिलने से उम्रदराज चेहरों की मुस्कान ये यकीन दिलाती है कि प्रशासन की कोशिश साकार हो रही है। प्रशासन की इस पुनीत पहल पर कलेक्टर श्री कुंदन कुमार कहते हैं कि फाइनेंसियल इंक्लूजन से लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने की हमारी कवायद रही है किंतु कुछ जगहों पर जहां ऐसी दिक्कतें आ रही हैं तथा कई लोग जो अपने उम्र और अन्य कारणों से बैंक तक नहीं पहुंच पाते, उन्हें बैंक सखी के माध्यम से घर पर ही पैसा प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। साथ ही 502 पेंशन धारियों को खाता बंद होने एवं अन्य कारण से पेंशन राशि खाते में नहीं जा रही थी, ऐसे हितग्राहियों का खाता सुधार कर पिछला बकाया पेंशन की राशि उनके खाते में अंतरित की गई।