दुर्ग  :  सिपकोना वितरक नहर को दशक बाद मिली गाद से मुक्ति : पहले 22 गांवों में हो पाती थी सिंचाई, अब 51 गांवों में हो सकेगी सिंचाई
दुर्ग : सिपकोना वितरक नहर को दशक बाद मिली गाद से मुक्ति : पहले 22 गांवों में हो पाती थी सिंचाई, अब 51 गांवों में हो सकेगी सिंचाई

सिपकोना नहर से सैकड़ों किसानों के खेतों को मिलेगी संजीवनी  एशिया महाद्वीप की सबसे लंबी नहर वितरक शाखाओं में से एक के रूप में चर्चित है सिपकोना वितरक नहर  मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर अनुपयोगी सिंचाई योजनाओं को पुनः दक्ष बनाने के मिशन अंतर्गत सिपकोना नहर वितरक शाखा को भी लिया गया

एशिया महाद्वीप की सबसे लंबी नहर वितरक शाखाओं में से एक के रूप में चर्चित सिपकोना वितरक नहर को एक दशक से भी अधिक समय बाद गाद से पूरी तरह से मुक्ति मिल चुकी है। वर्ष 2008 में काम पूरा होने के बाद इसमें एक बार भी सफाई नहीं हुई थी। नहर में गाद अटती जा रही थी और धीरे-धीरे इसके किनारे बसे गांवों में खेतों को सिंचाई का पानी मिलना बंद होता गया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अनुपयोगी सिंचाई योजनाओं को पुनः दक्ष बनाने के मिशन के अंतर्गत सिपकोना नहर वितरक शाखा को भी लिया गया। 42 किमी की लंबाई तक मनरेगा के माध्यम से गाद निकाली गई। मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन भी बड़े पैमाने पर हुआ और खेतों को संजीवनी देने वाली वितरक शाखाओं की गाद भी हटने लगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए जल संसाधन विभाग के एसडीओ श्री एनआर वर्मा ने बताया कि हमने बालोद जिले और दुर्ग जिले में गाद हटाने के लिए मनरेगा के माध्यम से प्रोजेक्ट रखा।

इसे भी पढ़ें  छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री साय ने दुर्ग में 23 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का किया भूमिपूजन

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में यह कार्य शुरू हुआ और छह महीने की अवधि में यह काम पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि 8 किमी तक अतिरिक्त लाइनिंग का प्रस्ताव शासन ने बजट में रखा है। इसकी प्रशासकीय स्वीकृति की प्रक्रिया संभागीय स्तर पर चल रही है। पांच करोड़ रुपए की लागत में होने वाली इस अतिरिक्त लाइनिंग से बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिल पाएगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री सुरेश पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जीर्णाेद्धार के लिए उपयोगी जलसंसाधन संरचनाओं को चिन्हांकित कर इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है ताकि खेती का रकबा अधिकाधिक बढ़ सके। उन्होंने बताया कि पूरे जिले भर में वितरक शाखाओं से गाद निकालने का अभियान युद्धस्तर पर चलाया गया है। इससे गाद की वजह से मृतप्राय पड़ी नहरों की वितरक शाखाओं को संजीवनी मिल रही है।

इसे भी पढ़ें  छत्तीसगढ़: अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए निःशुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण, सुनहरा अवसर!

13 हजार हेक्टेयर क्षमता है सिपकोना वितरक नहर की- सिपकोना वितरक शाखा नहर से 17 माइनर निकलते हैं। इनमें से 2 माइनर से 2 सब माइनर निकलते हैं। नहर प्रणाली की रूपांकित क्षमता 13 हजार 704 हेक्टेयर है। इसके माध्यम से गुंडरदेही के 7 गांवों के 1259 हेक्टेयर तथा पाटन विकासखंड के 44 गांवों के 10 हजार 252 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा प्रदाय की जा सकेगी।

इसे भी पढ़ें  बिलासपुर में दुर्गा पूजा के दौरान चोरों का धावा, 4 लाख रुपये के जेवर और नकदी चोरी