दन्तेवाड़ा :  बदलता दन्तेवाड़ाः नई तस्वीर :   मुश्किल घड़ी में ग्राम स्वरोजगार का साथ : मनोरमा को मिला जीवन का आधार
दन्तेवाड़ा : बदलता दन्तेवाड़ाः नई तस्वीर : मुश्किल घड़ी में ग्राम स्वरोजगार का साथ : मनोरमा को मिला जीवन का आधार

दंतेवाड़ा जिले से 13 कि.मी. की दूरी पर ग्राम गामावाड़ा जो भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत दुर्गम क्षेत्र है। जहां कुमारी मनोरमा भास्कर अपने परिवार के साथ निवासरत है। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अपनी पढ़ाई पूर्ण करने में दिक्कतें उतपन्न हो रहीं थी। इसके बावजूद उन्होनें हिम्मत ना हारते हुए किसी तरह अपनी मैट्रिक तक शिक्षा पूरी की लेकिन पैसे की कमी की वजह से वह अपने आगे की शिक्षा पूर्ण करने में असमर्थ थी। वह खुद की मेहनत से धन अर्जित करना चाहती थी ताकि परिवार अच्छी तरह से भरण पोषण में अपना योगदान कर आर्थिक स्थिती सुधार सके। साथ ही अपने आगे की शिक्षा भी पूर्ण कर सके। मनोरमा ने अपने ग्राम गामावाड़ा के सरपंच व सचिव जो कि ग्राम स्वरोजगार योजना ग्राम स्तर पर सदस्य है।

उनसे मुलाकात कर इस योजना के बारे में सविस्तार जानकारी ली। इस योजना का लाभ पाने की इच्छा जाहिर करते हुए आवेदन ग्राम नोडल/अधीक्षक के पास जमा करवा दिया। जिसके बाद उन्हें ग्राम स्वरोजगार के हितग्राहि के रूप में चिन्हित किया गया तथा चयन प्रक्रिया पूर्ण कर बैंक द्वारा उनके नाम पर 50000 का लोन स्वीकृत किया गया। जिसकी मदद से मनोरमा ने ग्राम गामावाड़ा में खुद की फैंसी दुकान खोली और आज सुचारू रूप से इसका संचालन कर रही है। आज उनकी प्रतिदिन की कमाई 500-600रू. तक हो जाती है।

वह बताती हैं कि ग्राम स्वरोजगार योजना से मिले लाभ की वजह से वह अपनी खुद की दुकान खोलने का सपना पूरा कर पाई और अब उनकी घर की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर है। और वह अपने परिवार के साथ सम्मान जनक जीवन यापन कर रही हैं। उन्होंने इस योजना की तारीफ करते हुए ये भी कहा कि ग्राम स्वरोजगार योजना राज्य शासन की ऐसी अहम योजना जिसके मदद से उनके जैसी और भी कई ग्रामीण युवतियों को रोजगार मिल पायेगा। इसके लिए वह कलेक्टर महोदय एवं सहायक आयुक्त महोदय, आदिवासी विकास का हृदय से धन्यवाद करती हैं।