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बीते गत दिनों से छत्तीसगढ़ सरकार अपने मेनिफेस्टो के अनुसार प्रदेश के किसानों से किया गया वादा को पूरा करने में लगे हैं. मुख्यमंत्री ने किसानों के कर्ज को माफ़ करने का साहसिक निर्णय लिया था. जिसे उन्होंने पूरा भी किया. इसीतरह किसानों के हित में 2500 रुपये समर्थन मूल्य के दर से धान खरीदने के वादा को पूरा करने में लगे हैं.
जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से कई बार मिलने का प्रयत्न किया. अनेकों पत्र व्यवहार भी किये मगर केंद्र सरकार के द्वारा संतुष्टि भरा जवाब नहीं मिलने से राज्यसरकार की मुश्किल बढ़ते ही जा रही है क्योंकि 15 नवम्बर से ही छत्तीसगढ़ में धान उपार्जन का कार्य शुरू हो जायेगा. और इस स्थिति में केंद्र से अनुमति नहीं मिलने पर राज्यसरकार मुश्किल में है.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र व्यवहार के माध्यम से कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसानों के आर्थिक लाभ ले लिए एम.ओ.यू. की कंडिका एक की शर्त से शिथिलता प्रदान करते हुए राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता के अतिरिक्त ख़रीदे जाने वाले चावल (आरवा और उसना) को केन्द्रीय पूल में मान्य करने का भी अनुरोध किया है. इस संबंध में खरीफ वर्ष 2019-20 में एफसीआई द्वारा छत्तीसगढ़ से 32 लाख मेट्रिक टन चावल खरीदने की अनुमति प्रदान करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करने का अनुरोध किया है.