बापी न उवाट 2.0 को मिल रही नयी पहचान
बापी न उवाट 2.0 को मिल रही नयी पहचान

दन्तेवाड़ा। जिले में बापी न उवाट 2.0 कार्यक्रम अंतर्गत परियोजना कटेकल्याण में गाँव के गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं एवं गांव के बुजुर्ग महिलाओं के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जिला कार्यालय से बापी जिला समन्वयक सुश्री सरिता देशमुख परियोजना से पर्यवेक्षक सुश्री मीना साहू, बापी श्रीमती मैत्रीन बाई, बापी समन्वयक श्री जगबंधु कश्यप शामिल रहे।

कार्यक्रम में बापी एवं जिला बापी समन्वयक द्वारा गर्भावस्था के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया साथ ही प्रसव पूर्व तैयारी के बारे में चर्चा की गयी। जिसमें शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव, गर्भवती होने पर चार ए एन सी जांच करवाना, परिवार के अन्य लोगों की जिम्मेदारी गर्भवती को नियमित टीका लगवाने, आयरन की गोलियों का सेवन करने, गर्भावस्था की तीसरी तिमाही से ही नजदीकी अस्पताल में प्रसव की तैयारी करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

गर्भवती महिला को अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, अनाज, मांस, अण्डा, फलियां एवं स्थानीय भोजन खाने को कहा गया। साथ ही बताया कि शिशु के दिमाग के विकास के लिये आयोडीन बहुत ही आवश्यक होता है इसलिए दूध, मछली, अण्डा का सेवन करें। जिसमें आयोडीन की मात्रा भरपूर होती है। साथ ही अवगत कराया कि संतुलित आहार न लेने के कारण गर्भवती महिला को प्रसव से संबंधित समस्याओं से खतरा रहता है। इसलिये गर्भवती महिला एवं शिशु दोनों के लिये संतुलित आहार बहुत जरूरी है।

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