बायोगैस के उपयोग से रसोई में धुंए से मिली मुक्ति, संयंत्र स्थापना के लिए आगे बढ़ कर आ रहे हितग्राही
बायोगैस के उपयोग से रसोई में धुंए से मिली मुक्ति,

जशपुरनगर।  बायोगैस संयंत्र जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम बागबहार निवासी श्री हरि सिंह सिदार के परिवार के दिनचर्या में बेहतर बदलाव लेकर आई है। हरि सिंह सिदार ने बताया कि बायो गैस की स्थापना के बाद उन्हें काफी सुविधा मिली है। अब उन्हें कभी गैस समाप्ति का डर नही रहता न ही ईंधन के लिए लकड़ी की व्यवस्था करने की। उन्होंने बताया कि बायोगैस प्रदूषण रहित ईंधन का अच्छा विकल्प है। इसका उपयोग भी सरल है।

हरि सिंह ने बताया कि उनके घर में ही मवेशी है जिनके गोबर एवं घरों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के माध्यम से वे बायोगैस का निर्माण करते है। इसके लिए न तो उन्हें पैसे की आवश्यकता होती है न ही अधिक मेहनत करना होता है। हरि बताते है कि उन्हें बायोगैस बनाने के लिए क्रेडा विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिससे वे बड़े आसानी से गैस का निर्माण कर लेते है।

उन्होंने बताया कि बायोगैस के उपयोग से उनके परिवार में भी बहुत बदलाव हुए है। पहले उनके पत्नी को खाने बनाने के लिए जलाऊ लकड़ी पर निर्भर रहना पड़ता था। जिससे निकलने वाले धुंए से स्वास्थ्य को हानि पहुंचती थी साथ ही आस पास का वातावरण भी प्रदूषित होता था। परंतु अब बायोगैस के उपयोग से उन्हें रसोई में काम करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है और इससे पर्यावरण भी सुरक्षित होता है। हरि के साथ ही समस्त परिवार ने उन्हें बायोगैस संयंत्र उपलब्ध कराने के लिए शासन एवं प्रशासन का आभार व्यक्त किया। साथ ही लोगों को भी इस योजना से जुड़कर इसका लाभ उठाने का आग्रह किया है।

उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन के माध्यम से क्रेडा विभाग द्वारा हितग्राहियों को बायोगैस संयंत्र स्थापित कर उन्हें निर्धारित समयावधि में प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। साथ ही हितग्राही को संयंत्र की स्थापना के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग हेतु 22000 एवं पिछड़ा एवं सामान्य वर्ग हेतु 21000 का अनुदान दी जाती है। सहायक अभियंता क्रेडा श्री संदीप बंजारे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले के 06 विकासखण्डों में कुल 68 हितग्राहियों के यहाँ बायोगैस संयंत्र का स्थापना किया गया है। जिससे हितग्राही उक्त संयंत्र से समुचित लाभ उठा रहे है। तथा हितग्राही संयंत्र की कार्यशीलता से बहुत प्रसन्न है। साथ ही वर्ष 2021-22 हेतु स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के गोबरधन योजनांतर्गत 30 नग बायोगैस संयंत्रों के निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई है। जिसका जल्द ही विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 02 घन मीटर क्षमता के बायोगैस संयंत्र निर्माण कर हितग्राही बिना किसी खर्च के अपने घर में ही गोबर से 02 एलपीजी के बराबर प्रतिमाह गैस प्राप्त कर सकते है। प्रत्येक घन मीटर के लिए 25 किलो ग्राम गोबर की आवश्यकता होती है जिससे गैस की प्राप्ति तो होती है साथ ही संयंत्र से निकलने वाले गोबर को हितग्राही गोठान में बेचकर भी आमदनी अर्जित कर सकता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *