prachi bani deputy collector
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भिलाई । भिलाई की प्राची ठाकुर का चयन सीजीपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। प्राची का कहना है कि यदि एक बार किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए ठान लो तो उसे पूरा करके ही रुको। सफलता पाने में कई बार असफलता का सामना करना पड़ता है। अगर आप असफलता से निराश हो गए तो कभी लक्ष्य को भेद नहीं पाएंगे।

प्राची भी अपने लक्ष्य को पाने के लिए कई बार असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने अपने दादा स्व. अजीत ठाकुर का सपना पूरा करने के लिए हार नहीं मानी और डिप्टी कलेक्टर बनकर दिखाया। प्राची ठाकुर ऐसे घर से जहां एक दो नहीं बल्कि कई लोग अच्छे और बड़े-बड़े सरकारी पदों पर हैं। प्राची के दादा स्व. अजीत सिंह ठाकुर बस्तर संभाग के पहले डिप्टी कलेक्टर बने। उन्होंने 1961 पीएससी परीक्षा पास की थी। इसके साथ ही प्राची के पिता राकेश ठाकुर बीएसपी के फाइनेंस डिपार्टमेंट में सीनियर मैनेजर पद से रिटायर हुए। उनकी मां गंगा ठाकुर मॉडल मिडिल स्कूल में एचएम हैं। प्राची के चाचा IPS प्रफुल्ल ठाकुर धमतरी एसपी हैं। चाचा विजय ठाकुर दुर्ग में ट्रैफिक इंस्पेक्टर हैं। बड़े पापा बीबी सिंह एडीजीपी पद से रिटायर हुए। चाचा बृजेश ठाकुर कांग्रेस नेता हैं और बुआ डॉ. रश्मी सिंह भानुप्रताप कॉलेज में प्राचार्य हैं।

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बड़ी बहन कृतिका ठाकुर दुर्ग में कमर्सियल टैक्स इंपेक्टर हैं। छुटो भाई गोवा में प्राईवेट जॉब करता है। प्राची ने डिप्टी कलेक्टर बनकर अपने परिवार का गौरव और बढ़ा दिया है। प्राची अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, गुरुओं और सभी दोस्तों को देती हैं। प्राची ने बताया कि उनके दादा स्व. अजीत सिंह ठाकुर बस्तर संभाग के पहले डिप्टी कलेक्टर बने। वह जब भी प्राची को मिलते अपने पास बुलाते और बठाकर कहते थे कि अगर बनना तो डिप्टी कलेक्टर ही बनना। उन्हीं के सपने को पूरा को पूरा करने के लिए प्राची ने जिंदल रायगढ़ से ट्रेनी इंजीनियर की पोस्ट से रिजाइन दिया। 2016 में पीएससी की तैयारी शुरू की और पहले प्रयास में प्री क्वालीफाई किया। इसके बाद कई बार असफल हुईं फिर 2019 में अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी के पद पर चयन हुआ। यह पोस्ट स्व. दादा के सपने को पूरा नहीं कर रही थी तो तैयारी जारी रखी और फिर 2020 में डिप्टी कलेक्टर बनकर दादा के सपने को पूरा किया।

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