मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना‘ लागू करने की घोषणा की

भूमिहीन एवं पात्र परिवारों को प्रतिवर्ष 6000 रूपए की मिलेगी मदद

कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए 957 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान

वनवासियों की मदद के लिए 520.80 करोड़़ रूपए तथा मनरेगा के मजदूरों और श्रमिकों के लिए 695 करोड़ रूपए का प्रावधान

रायपुर ।   मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण अंचल के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत प्रतिवर्ष 6000 रूपए की आर्थिक मदद दिए जाने की घोषणा की। यह योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू होगी। अनुपूरक बजट में इसके लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। विधानसभा में 2485.59 करोड़ रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हुआ। 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अनुपूरक बजट चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों को प्रदेश है, किसान हमारे अन्नदाता है। इस अनुपूरक बजट की संरचना को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि हमने अपनी न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 60 लाख मीटरिक टन चावल लेने की सहमति दी थी, लेकिन छत्तीसगढ़ से मात्र 24 लाख मीटरिक टन चावल लिया है। इसके कारण अतिशेष धान की नीलामी हमें घाटा उठाकर करनी पड़ रही हैं। इसके बावजूद भी हम हर हाल में किसानों की मदद कर रहे है, इसके लिए हमें भले ही कर्ज लेना पड़े। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लेकर राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना तक, अभी वक्त तो बहुत कम गुजरा है, लेकिन इसके लाभ का दायरा लाखों लोगों तक पहुंच गया है। किसानों की ऋण माफी, सिंचाई कर माफी, समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने वाले किसानों को देश में सबसे ज्यादा लाभ, वनोपज की खरीदी से आदिवासी और वन आश्रित परिवारों को सर्वाधिक लाभ, गोधन न्याय योजना जैसे हमारे नवाचारों के आंकड़े अब अरबों में पहुंच चुके हैं। बस्तर से लेकर सरगुजा तक, छोटे-छोटे गांवों, कस्बों, गली, मोहल्लों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव स्पष्ट देखा जा सकता है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का हमारा छत्तीसगढ़ी मॉडल की देश में है, तो इस पर भी अगर अभिमान न करें तो क्या करें? उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ी मॉडल ने सिर्फ छत्तीसगढ़ निवासियों को ही नहीं, बल्कि हमारे जैसी परिस्थितियों में देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों के जीवन में भी उम्मीद की नई किरण जगाई है। यही कारण है कि मलेरिया मुक्त बस्तर हो, मनरेगा हो, वनोपज की खरीदी हो, कृषि उपज की खरीदी हो, नरवा, गरूवा, घुरुवा, बाड़ी हो या गोधन न्याय योजना जैसे ग्राम और वन उन्मुख नवाचार, कुपोषण के विरुद्ध मुहिम हो, मलेरिया का उन्मूलन हो, हमारी ऐसी हर पहल आज देश में उन लोगों के लिए आशा लेकर आई है, जिन्हें बरसों से ऐसे सकारात्मक बदलाव की जरूरत थी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसान हो या बेसहारा मजदूर, हमारी सरकार ने सभी के लिए किए गए वायदे निभाने का सिलसिला जारी रखा है। किसानों और गौ-पालकों के लिए लागू की गई न्याय योजनाओं की अगली कड़ी में हम भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना लागू करने जा रहे हैं। इस योजना के लिए इस अनुपूरक में हमने 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा राष्ट्रीय निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम को एकमुश्त ऋण राशि वापस करने हेतु राज्य शासन के निर्णय के अनुरूप 21 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को गणवेश प्रदाय हेतु 7.62 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के दौरान जिन सुविधाओं के अभाव ने हमारे सामने कड़ी चुनौतियां पेश की थी, उन्हें हमारी सरकार जल्द से जल्द दूर करके बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरे प्रदेश में पहुंचाना चाहती हैं। इसलिए हमारी सरकार ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए इस अनुपूरक में  957 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना एवं डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत राज्य के 6 लाख 20 हजार 432 लोगों को 852 करोड़ रूपए की चिकित्सा सुविधा का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान हमने न सिर्फ छत्तीसगढ़ में बेहतर प्रबंधन किया बल्कि दूसरे राज्यों को भी ऑक्सीजन की आपूर्ति की और अब संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भी पूरी गंभीरता से तैयारी की जा रही है। कोविड-19 संक्रमण से रोकथाम एवं बचाव हेतु दवाईयों एवं अन्य व्यय हेतु 304 करोड़ रूपए, चिकित्सा उपकरणों के क्रय हेतु 215 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण हेतु 39 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। महामारी की विशेष स्थिति को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी रिस्पांस एवं हेल्थ सिस्टम प्रिपेअर्डनेस पैकेज हेतु 376 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। नैमेड़ जिला-बीजापुर में 30 बिस्तर अस्पताल, बेलपत जिला-गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय जिला-गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में ब्लड बैंक तथा अल्दा विकासखंड तिल्दा में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना हेतु बजट में सेटअप एवं वित्तीय प्रावधान किया गया है। महासमुंद, कोरबा एवं कांकेर में नये चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हेतु प्रति महाविद्यालय 116 पदों के मान से 348 पदों का सेटअप एवं 12 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ हाट बाजार क्लीनिक योजना की लोकप्रियता एवं उपयोगिता को देखते हुए 7 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुपूरक बजट में भी हमारा फोकस न्याय योजनाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं पर है। राज्य सरकार ग्रामीण मजदूरों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित 100 दिवस के अतिरिक्त 50 दिवस का रोजगार राज्य बजट से मुहैया कराती है। इस प्रयोजन हेतु 50 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़कर आजीविका में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन चलाया जा रहा है। इस योजना को भी निरंतर चालू रखने के लिए 122 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खाद्य भण्डारण क्षमता के विस्तार हेतु वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन के माध्यम से सनावल, रामानुजगंज, कुसमी, बगीचा, जशपुर, लखनपुर, करपावंड एवं सुकमा जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों सहित कुल 12 स्थानों पर 142 करोड़ रूपए की लागत से गोदाम निर्माण किया जायेगा। इन गोदामों के निर्माण से भण्डारण क्षमता में 2 लाख 38 हजार 200 मीटरिक टन की वृद्धि होगी। इस हेतु 67 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 15 नवीन तहसील (अहिवारा, डौरा कोचली, कोटमी सकोला, सरोना, कोरर, बारसूर, मर्दापाल, धनोरा, अड़भार, कुटरू, गंगालूर, बोदरी, लाल बहादुर नगर, तोंगपाल एवं भटगांव) की स्थापना की जायेगी। इसलिए अनुपूरक बजट में 210 पदों के सेटअप एवं वित्तीय प्रावधान किया गया है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले 22 लाख 15 हजार परिवारों को कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन क माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 जिलों में 942 करोड़ रूपए की लागत से 46 सड़कों के निर्माण जिससे लगभग 556 कि.मी. सड़कों का निर्माण छत्तीसगढ़ सड़क निर्माण एवं अधोसंरचना विकास निगम के माध्यम से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार 14 जिलों में 3 हजार 886 करोड़ रूपए की लागत से 23 सड़कों का निर्माण, छत्तीसगढ़ स्टेट रोड डेव्हलपमेंट सेक्टर प्रोजेक्ट के माध्यम से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 968 कि.मी. की सड़कों का निर्माण होगा। इस हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है। इन निर्माण कार्यों से राज्य के आम नागरिकों को आवागमन की सुविधा में बढ़ोत्तरी होने के साथ सुदूर क्षेत्रों की सड़कें राज्य की मुख्य सड़कों से जुड़ने से आवागमन में सुविधा होगी। जिला गरियाबंद के राजिम में लक्ष्मण झूला विद्युतीकरण कार्य हेतु 101.22 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। जिला-जांजगीर चांपा अंतर्गत शिवरीनारायण में सात विभिन्न विकास कार्यों हेतु 11.92 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। सरगुजा जिले के सीतापुर में मांड डायवर्सन योजना के दांयी ओर नहर निर्माण तथा जिला कांकेर अंतर्गत दुधावा आर.बी.सी. नहर का चारामा तक विस्तार हेतु सर्वेक्षण कार्य एवं नारायणपुर जिले के अंतर्गत गढ़बेगाल में कुकुर नदी पर स्टापडेम निर्माण कार्य के लिये आवश्यक राशि का प्रावधान किया गया है। बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना फेस-2 अंतर्गत न्यू रूद्री बैराज, मॉडमसिल्ली बांध, जिसका नाम बदलकर हमने बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव बांध कर दिया है। नियारी जलाशय एवं दुधावा जलाशय वृहद परियोजना अंतर्गत कार्यों को शामिल किया गया है। जिसके लिए आवश्यक प्रावधान किया गया है। बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना फेस-2 अंतर्गत पेण्ड्रावन जलाशय, किंकारी जलाशय एवं घोंघा जलाशय मध्यम परियोजना अंतर्गत कार्यों को शामिल किया गया है, जिसके लिए प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीसीटीएनएस (क्राईम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम) परियोजना का उद्देश्य पुलिस थाने के स्तर पर कुशलता एवं प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए एक व्यापक और समेकित प्रणाली स्थापित करना है। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु सिस्टम इंटीग्रेटर की सेवाएं लेने के लिए 4 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। एन्टी ह्यूमेन ट्रेफिकिंग यूनिट का मुख्य उद्देश्य बंधुआ मजदूर, देह व्यापार और बाल श्रम पर अंकुश लगाना है। इस योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 60 लाख का प्रावधान किया गया है। नक्सली हिंसा में शहीद जवानों के परिजनों को विशेष अनुग्रह अनुदान राशि के भुगतान हेतु 7 करोड़ 10 लाख का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में राज्य न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला के अंतर्गत डीएनए प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 13 नवीन पदों का प्रावधान किया गया है। ग्राम नगोई, जिला बिलासपुर में 126 करोड़ की लागत से 1500 बंदियों की क्षमता युक्त विशेष जेल के निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में साग-सब्जी, फल-फूल एवं औषधीय और सुगंधित फसलों की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत राज्य में प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के सुअवसर प्रदान किये जाने के उद्देश्य से शैक्षणिक सत्र 2020-21 से महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय ग्राम सांकरा, विकासखण्ड-पाटन जिला दुर्ग के परिसर में नवीन उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना हेतु प्रावधान किया गया है। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय परिसर सांकरा में वानिकी महाविद्यालय की स्थापना किये जाने हेतु प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोरोना महामारी से मृत व्यक्तियों के बेसहारा एवं अनाथ बच्चों को निःशुल्क स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराये जाने हेतु छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना शैक्षणिक सत्र 2021-22 से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में लागू की जा रही है। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की कोरोना से मृत्यु हो गई है, उनके शिक्षा का सम्पूर्ण व्यय शासन वहन करेगा, साथ ही छात्रवृत्ति दी जायेगी। कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को 500 रूपए प्रतिमाह एवं कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को 1000 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जायेगी। प्रतिभावान छात्रों को व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु प्रशिक्षण एवं कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस हेतु 4 करोड़ का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ के सुदूर एवं दुर्गम वनांचल में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्राम-अवापल्ली, विकासखण्ड उसूर, जिला-बीजापुर एवं विश्रामपुरी जिला-कोण्डागांव में नवीन महाविद्यालय की स्थापना हेतु प्रति महाविद्यालय 34 पदों के मान से कुल 68 पदों का सृजन किया गया है। गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान अंतर्गत पांच शासकीय मॉडल डिग्री कॉलेज रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कांकेर एवं जगदलपुर हेतु पद सृजन किया जाना है। इसके लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुटरू, जिला बीजापुर में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की स्थापना हेतु प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु 11 करोड़ एवं अनु. जनजाति पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु 4 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है। आदिवासी बालक छात्रावास गोडलवाही, विकासखंड छुरिया के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है। राम वनगमन पथ के पर्यटन विकास अंतर्गत कुल 16.43 करोड़ का प्रावधान किया गया है। रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान की स्थापना हेतु 1 करोड़ 30 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार शहीद वीरनारायण सिंह स्मारक एवं संग्रहालय निर्माण हेतु 4.65 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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