शहर में अव्यवस्था: बलौदाबाजार से टिकट 80 रुपए, बसें सड्डू फ्लाईओवर के पास स्टाॅप
शहर में अव्यवस्था: बलौदाबाजार से टिकट 80 रुपए, बसें सड्डू फ्लाईओवर के पास स्टाॅप

रायपुर । भाठागांव इंटरस्टेट बस टर्मिनल शुरू हुए करीब पखवाड़ाभर हो गया, लेकिन बलौदाबाजार रूट की बसों का मामला बुरी तरह गड़बड़ा गया है। बलौदाबाजार से आने वाली बसों को विधानसभा के पास सड्डू फ्लाईओवर से रिंग रोड-3 पर जाना है और वहां से रिंग रोड 1 होकर भाठागांव टर्मिनल तक पहुंचना है। बलौदाबाजार से आने वालों से इसी रूट का किराया 80 रुपए लिया जा रहा है, लेकिन बसें भाठागांव तक आने के बजाय सड्डू फ्लाईओवर के पास ही रोकी जा रही हैं और वहीं से वापस बलौदाबाजार लौट रही हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान यात्रियों को हुआ है। वे करीब 80 किमी दूर बलौदाबाजार से रायपुर आने का किराया 80 रुपए दे रहे हैं। इसके बाद सड्डू फ्लाईओवर के पास उतरकर शहर आने के लिए ऑटो वाले उनसे 150 रुपए वसूल रहे हैं। इस तरह, एक यात्री को बलौदाबाजार से राजधानी में आने में 80 की जगह करीब ढाई सौ रुपए खर्च होने लगे हैं।

पंडरी बस स्टैंड से बसों की आवाजाही का अंतिम दिन 15 नवंबर को था। 16 तारीख से सभी रूट की बसों को संचालन भाठागांव इंटर स्टेट बस टर्मिनल से करने का आदेश प्रशासन ने किया और उस पर अमल भी हो गया। बस स्टैंड को शिफ्ट भी किया जा चुका है और यहां व्यवस्था का संचालन बेहतर हो रहा है। इसके बावजूद बलौदाबाजार रूट की बसें लोगों को भाठागांव तक लेकर नहीं आ रही हैं। वहां से आने वाली बसें लोगों को ओवरब्रिज के नीचे उतार रही हैं। यहां पर एक तरह से अस्थायी बस स्टैंड बन गया है। रायपुर से बलौदाबाजार जाने वाली ज्यादातर बसें यहीं से छूट रही हैं।

शहर के लोगों को अपने साधन से विधानसभा ओवरब्रिज तक जाना पड़ रहा है। उसमें भी उन्हें 150 से 200 रुपए तक ऑटो भाड़ा देना पड़ रहा है। बलौदाबाजार से आने पर शहर आने के लिए फिर इतनी अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ रही है। इस गड़बड़ी की जानकारी प्रशासन को है, लेकिन यह बदइंतजामी सुधर नहीं पाई है। बस आपरेटरों के अनुसार बलौदाबाजार के लिए हर सात मिनट में एक बस है। यानी यदि दिन के 12 घंटे बसों का परिचालन होता है तो दिनभर में 102 बसें रायपुर से चलती हैं। एक बस में औसतन 35 यात्री बैठते हैं तो दिनभर में रायपुर से लगभग 3500 लोग बलौदाबाजार जाते हैं और इतने ही लोग वहां से रायपुर आते हैं। सात हजार से अधिक लोग बस वालों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं।

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