संपत्ति, शक्ति, संस्कृति व संस्कार मानव जीवन में इन सभी की है सार्थकता
संपत्ति, शक्ति, संस्कृति व संस्कार मानव जीवन में इन सभी की है सार्थकता

दुर्ग। पर्यूषण पर्व शुक्रवार को सातवां दिन था जब से पर्यूषण पर्व प्रारंभ हुआ है तब से लगातार त्याग तपस्या करने वालों का तांता लगा हुआ है। जय आनंद मधुकर रतन भवन बांदा तालाब दुर्ग में संत रतन मुनी एवं विवेक मुनि के सानिध्य में चातुर्मास गतिमान है धर्म सभा को संबोधित करते हुए संत श्री गौरव मुनि ने कहा जीवन में चार बातों की हमेशा आवश्यकता होती है। संपत्ति, शक्ति, संस्कृति और संस्कार मानव जीवन में इन सभी की सार्थकता है। आज का प्रवचन संस्कार विषय पर केंद्रित था। संस्कार चार प्रकार के बताए जाते हैं गर्भ संस्कार पूर्वक संस्कार माता-पिता का संस्कार ,वातावरण या संगत से प्राप्त संस्कार मनुष्य जिस प्रकार के वातावरण में रहता हैं। उसमें वैसे संस्कार पनपते जाते हैं। साधु संतों एवं गुरु भगवंतो के सानिध्य में रहने वाले ज्यादा संस्कारवान होते हैं अपेक्षाकृत दूसरे लोगों के साथ रहने वालों के अच्छे संस्कारों से चरित्र का निर्माण होता है जो एक उच्च गति को प्राप्त करता है। जीवन में संस्कार मिलने के चार स्थान माने जाते हैं माता पिता गुरु और ज्ञानी महापुरुष अगर जीवन में सुखी रहना है तो हमें क्या करना चाहिए गुरु भगवंत ने कहां कौन क्या कर रहा है, कौन क्यों कर रहा है, कौन कैसे कर रहा है इन चार बातों से आप जितने दूर रहोगे आप इतने सुखी रहोगे। आज मनुष्य अपने दुख से कम दुखी हैं दूसरों के सुख से ज्यादा दुखी है जीवन में जितनी ज्यादा आवश्यकता हैं। पालोगे वही आवश्यकता आपके दुख का कारण बनते जाएगी इसलिए जीतने सीमित संसाधनों से जीवन यापन हो सके उतने संसाधनों का संयोजन हमें करना चाहिए।

जय आनंद मधुकर रतन भवन में आज 5 उपवास से लेकर मास खमण करने वाले तपस्वीयों का श्रमण संघ महिला मंडल की ओर से अभिनंदन किया गया। अभिनंदन के इस कार्यक्रम में जैन समाज की महिलाओं में अपार उत्साह देखने को मिला मंगल गीत गाते हुए श्रमण संघ महिला मंडल की सदस्यों ने तपस्वीयों का अभिवादन किया लगभग 68 तपस्वीयों का तिलक लगाकर माला एवं जयकारों से अभिनंदन किया गया। श्रमण संघ महिला मंडल की अध्यक्ष सरिता श्रीश्रीमाल के नेतृत्व में इस कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी पूर्ण की गई आज बहुत से तपस्वीयों ने अपना उद्बोधन दिया और श्रमण संघ दुर्ग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। शनिवार को प्रात: 5 बजे से संवत्सरी पर्व प्रारंभ हो जाएगा प्रतिक्रमण, प्रार्थना, स्वाध्याय अंतागढ़ सूत्र का वाचन भक्तांबर जाप प्रवचन आलोयना, तपस्वी ओं का अभिनंदन ,महा मांगलिक, प्रश्न मंच ,धार्मिक प्रतियोगिता सिद्धालय तपस्वीयों का अभिनंदन, चुंदड़ी 9 महा मांगलिक ,प्रतिक्रमण एवं रात्रि में भक्ति गीत संगीत का कार्यक्रम आयोजित होगा। श्रमण संघ के अध्यक्ष निर्मल बाफना ने उपरोक्त सभी कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है और अधिक से अधिक संख्या में कल तपस्या करने का निवेदन किया है । संत श्री रतन मुनि, विवेक मुनि श्री कल्पयज्ञ सागर एवं महासती प्रभावती जी के सानिध्य में जैन समाज के सभी संप्रदाय के लोग जय आनंद मधुकर रतन भवन में सामूहिक क्षमा याचना मांगेंगे। श्रमण संघ परिवार, समरथ जैन संध, सुधर्मा जैन संघ, तेरापंथ समाज, शांत क्रांत साधुमार्गी जैन संघ, गुजराती जैन समाज, के सदस्य सभी सदस्य सामूहिक क्षमा याचना कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।

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